Saturday, June 30, 2018

मेरी सेक्सी मकान मालकिन

जैसे ही उनके सॉफ्ट बूब्स मुझसे टच होते तो मेरी तोप सलामी देने लगती. अब वो भी सब समझ गई और अब वो भी शायद मजे लेने लगी थी…

हेलो दोस्तों, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है. मैं काफी समय से यहां कहानियों का आनंद ले रहा था, तो मैंने सोचा कि अपनी भी कहानी का आप सब को लुत्फ़ उठाने का मौका दूं. इसीलिए मैं अपनी कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है कि आप सबको पसंद आएगी.

मेरा नाम रोहन है और मैं ग्वालियर से हूँ, लेकिन फिलहाल इंदौर में रह रहा हूँ और इंदौर के एक नामी कॉलेज से एमबीए कर रहा हूँ. मेरी उम्र है 24 साल है. आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए अब कहानी पर आता हूँ.

बात है 2 साल पहले की है, जब मैं इंदौर में नया – नया आया था. यहां मैंने किराये पर एक कमरा लिया था. मकान मालिक की उम्र कम थी इसलिए उन्हें मैं भैया कह कर बुलाता था. उनका नाम मनोज था और उनकी मिसेज को मैं भाभी बुलाने लगा. उनका नाम साक्षी था और उनका 5 साल का एक बच्चा था.

यार, भाभी को देख कर इंसान सोचना ही बंद कर दे. वो इतनी मस्त थीं कि मैं जो भी बयां करूं वो भी बहुत कम ही होगा. उनका फिगर 34-30-36 था. कुल मिलाकर वो चलता फिरता बवाल थीं.

उनके साथ उनकी एक दोस्त भी आती थी. जिसका नाम रश्मि था. वो भी बहुत ही मस्त थी. शायद भगवान ने इन दोनों को बड़ी फुरसत से बनाया था, जिन्हें देखकर ही आदमी पर पागलपन छा जाता था. धीरे – धीरे भाभी से मेरी थोड़ी बहुत बात भी होने लगी थी.

वैसे मैंने आपको अपने बारे में तो अभी बता ही नहीं पाया. माफ़ करना दोस्तों, वो दोनों थीं ही ऐसी के कोई भी तारीफों में खो जाये. दोस्तों, मैं बहुत चूजी हूँ मुझे हर लड़की, भाभी या आंटी पसंद नहीं आती. मैं तो एक नम्बर माल को ही हाथ लगता हूँ.

मेरी लम्बाई 5 फुट और 10 इंच है. मैं दिखने में भी किसी से कम नहीं हूँ. तभी तो उन परियों का दिल मुझ पर आ गया था.

दोस्तों, भैया जॉब करते हैं. वो मॉर्निंग में ऑफिस चले जाते हैं और रात में 9 बजे के बाद ही आते हैं. मेरा रूम ऊपर था तो जब भी भाभी कपड़े डालने या उठाने आती तो मैं उस समय अपना सब काम छोड़ कर छत पर आ जाता और उनको देखता रहता. ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहा.

एक दिन हवा की वजह से भाभी की पैंटी उड़कर मेरे गेट के सामने गिर गयी. जिसे मैंने देख लिया था, लेकिन तब भी भाभी के डर की वजह से उठाया नहीं था. शाम को जब भाभी कपड़े लेने आई, तब जैसे ही उन्होंने अपनी पैंटी जमीन पर देखी तो वो उठाने लगीं. उस समय मैं भी गेट के सामने ही बेठा था तो जैसे ही वो पैंटी उठाने को झुकीं वैसे ही उनकी नजर मेरे ऊपर पड़ गई और वो शरमा गयीं.

फिर वो मुझसे शर्माने लगीं और इसके बाद जब भी मेरी उनसे बात होती तो वो हंस देतीं और मुझे निगाहें चुराती रहती थीं. उनका बच्चा तो खेलने में लगा रहता और भईया जॉब से रात में आते तो उनसे जब भी बात होती तो वो अकेली ही होती थी.

उसको अकेले देख कर मन करता था कि पकड़ कर चोद दूं, लेकिन कुछ हो ही नहीं पता था. एक दिन मैंने भाभी से बोला कि भाभी, आप बहुत सुंदर हो, तो वो बोली कि मुझे पता है और हंसकर चली गयी. जाते समय उनके पिछवाड़े को देखकर मेरा दिमाग हिल गया. जब वह चलती थी तब उसको मजा ही आ जाता.

अब मैं उनको लाइन मारने लगा. मुझे ऐसा लगता था कि वो भी मुझमे इंटरेस्ट ले रही थी क्योंकि जब भी उनकी फ्रेंड आती तो वे दोनों मुझे देखकर हंसने लगती.

फिर एक दिन मैंने भी हिम्मत करके भाभी को आँख मार दी. इस पर भाभी मुझे गुस्से में देखकर चली गईं. तो मैं डर गया और सोचा कि कहीं भईया को न बोल दे. मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी.

एक भाभी को अपनी फ्रेंड के यहाँ दिन में खाने पर जाना था तो भैया ने बोला कि मैं उनको छोड़ दूं और मैंने उनको हॉ बोल दिया. जब भाभी तैयार होकर निकलीं तो उन्होंने एक ट्रांसपैरेंट रेड साड़ी पहन रखी थी. मैं तो कसम से उनको देखता ही रह गया. फिर भाभी मेरे पास आईं टैब जाकर मेरा अपना ध्यान आया.

फिर मैं अपनी बाइक से उनको लेकर निकल गया. रास्ते में मैंने भाभी को उस बात के लिए सॉरी बोला तो वो बोली, “कोई बात नहीं, ये उम्र ही ऐसी है. सब चलता है यार.” फिर मैं उनसे और फ्रैंक होने लगा और जानबूझ कर ब्रेक लगाने लगा.

जैसे ही उनके सॉफ्ट बूब्स मुझसे टच होते तो मेरी तोप सलामी देने लगती. अब वो भी सब समझ गई और अब वो भी शायद मजे लेने लगी थी.

जैसे ही हम उनके फ्रेंड के यहाँ पहुंचे तो मैं देखकर शॉक हो गया. ये तो वही आईटम थी. भाभी की बेस्ट फ्रेंड. फिर मैं वहां से निकल आया. अब मैं मौके की तलाश में था कि कब भाभी को पकड़ कर चोद दूं.

आखिरकार मुझे मौका मिल ही गया. भाभी जैसे ही शाम को कपड़े उठाने आई. मैंने उनको अपने रूम में बुलाया और गेट बंद कर दिया. अब भाभी डर गईं और बोली कि ये सब क्या हैं!

मैंने उनकी एक न सुनी और उनको पकड़ कर किस करने लगा. वो मेरा विरोध कर रही थीं. अब मैं उनके बूब्स को प्रेस करने लगा. दो ही मिनट के बाद भाभी शांत पड़ गयी और मेरा साथ देने लगीं. फिर मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और जैसे ही उनकी काली ब्रा देखी मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो गया और ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स चूसने लगा.

अब तक भाभी भी गरम हो चुकी थीं. फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी और फिर उनके पेटीकोट का नाड़ा खोला. नीचे उन्होंने काली ही पैंटी पहन रखी थी. अब मैं भाभी को ऊपर से नीचे तक चूमने लगा और अब भाभी ने आँखें बन्द कर ली और सिस्कारियां लेने लगी.

अब मैंने भाभी से बोला कि मेरे भी तो कपड़े उतारो तो वो हंसने लगीं और बैठ कर मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर उन्होंने मेरी चड्डी उतारी और मेरे लण्ड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने उनको इशारा किया कि मुँह में ले लो तो उन्होंने मुंह में भी ले लिया और चूसने लगीं. उत्तेजना की वजह से मैं जल्दी ही निपट गया और वो मेरा सारा स्पर्म पी गयी.

जिसको चोदने के आप सपने देखते हो, वो आपका लन्ड मुँह में लिए हो तो पहली बार में कौन जल्दी नहीं निपटेगा. फिर हम दोनों एक – दूसरे को किस करने लगे. अब मैं तुरंत ही फिर से रेडी हो गया. अब भाभी ने अपनी टांगें चौड़ी करके मझे इशारा दे दिया.

मैंने एक ही झटके में पूरा का पूरा लन्ड अंदर डाल दिया. फिर काफी देर तक मैं और भाभी अपनी अलग ही दुनिया में थे. कमरे में बस चुदाई का ही माहौल था. कुछ देर की चुदाई के बाद मैं और भाभी दोनों साथ में ही झड़ गए. मैंने उनके अंदर ही अपना सारा लावा निकाल दिया.

फिर मैं मौका मिलने पर भाभी को रोज चोदने लगा. अब तो लगता था जैसे वो मेरी वाइफ हो. एक दिन भाभी ने मुझसे कहा कि मुझे वो रूम खाली करना पड़ेगा, क्योंकि उनकी सास वहां रहने आ रही थीं. इतना बोल कर वो रोने लगी.

फिर भाभी ने बताया कि उनकी जो फ्रेंड है ना मस्त वाली, वो मुझे बहुत पसंद करती है. फिर भाभी ने मुझे उनके यहाँ रूम दिला दिया और में वहाँ शिफ्ट हो गया. अब जब भी मुझे मोका मिलता है, मैं भाभी से मिलता हूँ और फिर हम दोनों मज़े लेकर खूब चुदते-चुदाते हैं.

आप सबको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी-
ranumore395@gmail.com

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Friday, June 29, 2018

चुदासी थी मेरी पड़ोसन आंटी

फिर मैंने मजाक में ही कहा कि दूध तो गर्म है बस पीना बाकी है. इस पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए रसोई में चली गयी और थोड़ी देर में मेरे लिये दूध और अपने लिए कॉफी लेकर आईं और मेरे पास में वहीं सोफे पर बैठ गई…

नमस्ते दोस्तों, अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. इसे लिखने में कुछ गलती हो जाए तो माफ़ करना. दोस्तों, मेरा नाम मोनू है और मेरी उम्र 25 है.

बात 2 साल पुरानी है. मेरे घर के सामने एक आंटी रहती थी. जिसका नाम मानसी था. वह हमारे कालोनी में नई आईं थी. उसके पति का नाम धामू था और वह किसी फैक्ट्री में काम करता था.

जब से आंटी हमारे कालोनी में आई थीं, मैं उसे ही घूरता रहता था. जब कभी वो छत पर या बालकनी में या घर के बाहर दिखती तो मैं उन्हें घूरता रहता. ये बात आंटी ने नोटिस करना शुरू कर दिया था.

एक बार मैं बाजार किसी काम से गया था तो रास्ते में आंटी दिख गई. उनके हाथ में सामान से भरा भारी बैग था. यह देख मैंने सोचा कि यही एक रास्ता है आंटी से बात करने का. फिर मैं उनके पीछे चलने लगा.

कुछ दूर चलने के बाद आंटी ने पीछे मुड़ के देखा और मुझे देख कर एक स्माइल दे दी. फिर मैं उनके पास गया और जाकर पूछा कि क्या मैं आपकी कुछ हेल्प करूं. तो उन्होंने कहा कि आप का नाम क्या है?

मैंने उन्हें अपना नाम मोनू बताया. उन्होंने कहा कि ठीक है, यदि आप मेरी हेल्प करना चाहते हो तो ये सामान घर पर रखवा दो. मैंने कहा ठीक है और सामान उनके घर पर रखवा दिया. उसके बाद जैसे ही मैं जाने लगा तो आंटी ने कहा, “मोनू चाय पीकर जाना.” लेकिन मैंने मना कर दिया.

इस पर आंटी ने कहा, “मैं चाय में मिर्ची नहीं डालती.” मैं उनकी बात समझ गया और उनके दूध की तरफ देख कर कहा, “मैं सिर्फ दूध ही पीता हूं, चाय नहीं.” आंटी ने कहा, “ठीक है, मैं दूध गर्म करके लाती हूं.”

फिर मैंने मजाक में ही कहा कि दूध तो गर्म है बस पीना बाकी है. इस पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए रसोई में चली गयी और थोड़ी देर में मेरे लिये दूध और अपने लिए कॉफी लेकर आईं और मेरे पास में वहीं सोफे पर बैठ गई.

फिर आंटी ने कहा, “मोनू एक बात बता, तू मुझे हमेशा घूरता क्यों रहता है? मैं तुझे क्या भूतनी लगती हूँ?” मैंने आंटी से कहा, “नहीं आंटी, मैं आप को कहाँ घूरता हूँ, मैं तो बसस्स…” तभी अचानक एक दम से मेरे शब्द रुक गए.

इस पर आंटी बोली, “बता न क्यों घूरता है?” तो मैंने कहा कि ऐसे ही. फिर आंटी ने मुझे डरा कर कहा बताता है कि तेरे घर पर तेरी शिकायत करूं. तब मैंने डरते हुए कहा, “आंटी आप बहुत सुंदर हो.” तो आंटी ने कहा, “मैं कैसे सुन्दर लगी? जरा खुल के बोल न मोनू.”

मैंने कहा, “आंटी, आप के मुलायम और कोमल होंठ से लेकर 32 के दूध, 30 की कमर और 32 के हिप. कुल मिलाकर आप तो ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी कयामत हो.” तब आंटी ने कहा, “मोनू, तू मेरा एक काम करेगा?”

मैंने कहा, हां आंटी बोलिये. तो वो बोली, “आज अपनी इस आंटी की प्यास बुझा दे.” इतना कहकर आंटी ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. जिसे मैं पाने की सोच रहा था, आज वो हकीकत बन गया था. फिर मैं भी आंटी को चूमने लगा और धीरे से हाथ उनके दूध पर रखकर दबाने लगा.

आंटी पर प्यार की खुमारी चुकी हो चुकी थी. आंटी ने कहा, “मोनू यहाँ नहीं, रूम में चलते हैं.” फिर मैं उनके पीछे – पीछे उनके हिलते – डुलते हिप का मजा लेता रूम में चला गया. अंदर जाते ही आंटी ने फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध दबाने लगा.

फिर धीरे – धीरे मैंने आंटी का ब्लाउज उतारा दिया. उन्होंने क्रीम कलर की ब्रा पहन रखी थी. जो उनके ऊपर बहुत खूबसूरत लग रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा को उतार के एक दूध को पीने लगा. अब आंटी मेरा सर अपने दूध में दबा रही थी और मैं बदल – बदल कर उनके दूध को पीता और काटता रहा. इससे आंटी के मुंह से ‘आआआ हहहहहह ऊऊऊऊऊ ज्ज्ज्ज्ज’ जैसी आवाज निकाल रही थी.

फिर मैंने उनकी साड़ी भी उतार दी. ब्लैक रंग पैंटी के पीछे उनकी हसीन चूत थी. जिसके लिए मैं तड़प रहा था. फिर उनकी पैंटी को उनके बदन से अलग कर के मैं उनकी चूत चाटने लगा. अब आंटी ‘ऊऊऊ हहहहह हाहाहाहा’ की आवाज कर रही थी.

मेरी जीभ आंटी की चूत में जितनी जा सकती थी, उतनी अंदर करके मैं उनको मजा दे रहा था. तभी आंटी बोलीं, “मोनू ये क्या कर दिया तूने? आज तक मेरे पति भी ऐसा मजा नहीं दे पाए.” अब मैं और जोर से आंटी की चूत चाटने लगा.

अब आंटी बर्दाश्त नहीं कर पाई और आंटी ने पूरा पानी मेरे मुँह पर गिरा दिया. इस काम क्रिया में मैं और आंटी थक गए थे. फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं आंटी के ऊपर आकार उनको चोदने की तैयारी करने लगा.

तभी आंटी ने कहा, “मोनू, तेरा पहली बार है, फिर भी जैसे मुझे झड़ा दिया उससे लगता है कि तुझे बहुत अनुभव है. अब लंड को चूत के अंदर प्रवेश करा के मेरी अंदर की आग भी शांत कर दे मेरे राजा.” तो मैंने कहा, “आंटी, आज तो मैं तेरी चूत का भुर्ता बनाऊँगा, आज तुझे मालूम होगी कि चुदाई क्या होती है?”

इतना कह कर मैं चूत में लंड डालने लगा. मगर साला लंड अंदर जा ही नहीं रहा था और आंटी हँस रही थी. फिर आंटी ने कहा, “मेरे बुद्धू बालम, पहले तेरे लंड पर क्रीम लगा, फिर अंदर डालेगा तो जायेगा.”

अब मैंने अच्छी तरह से अपने लंड पर क्रीम लगाई और आंटी ने लंड को हाथ से पकड़ के चूत के मुँह पर रख दिया और कहा अब धक्के लगा. फिर मैंने एक जोर से धक्का लगाया. जिससे आंटी और मेरी दोनों की चीख निकल गई और मुझे लगा कि जैसे किसी ने जलता हुआ कोयला मेरे लन्ड पर रख दिया हो. मेरे मुंह से ‘आआआ’ की आवाज निकल रही थी.

जिस पर आंटी ने कहा, “मोनू, पहली बार में हर किसी को थोड़ा दर्द होता है, लेकिन फिर मजा ही मजा है.” फिर आंटी ने कहा, “अब धीरे – धीरे लंड को आगे – पीछे करो.” अब मैं आंटी की बात मानते हुए चूत में लंड आगे – पीछे करने लगा और आंटी ‘हहह ससस ऊऊ, मोनू और अंदर बेटा और अंदर’ करती रहीं.

चुदाई करते हुए मैं आंटी के दूध जोर से दबा देता. जिससे आंटी मस्ती की दुनिया में चली जातीं और हल्की सी आह भरतीं. फिर आंटी ने कहा, “मोनू और तेज कर और तेज.” इतना बोल कर वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभने लगी.

तभी मुझे अपने लंड पर कुछ गर्म और गीला सा अहसास हुआ तो मैं समझ गया कि आंटी झड़ चुकी हैं. अब मैं गाड़ी की तरह तेज धक्के लगाने लगा और आंटी मुझे किस करते हुए कह रही थी, “आज मोनू तेरे साथ जो मजा आया है वो सबसे हसीन पल है मेरे लिए, आज तूने मुझे चुदाई का असली पाठ समझाया है.”

अब मैंने आंटी को कसकर पकड़ लिया और तेजी से धक्के लगाने लगा. इतने में मेरे अंदर हलचल हुई और मैंने आंटी की चूत में ही पानी निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर बाद मैं उठा और कपड़े पहन कर घर आ गया.

इसके बाद तो जब तक आंटी हमारी कालोनी में रही, तब तक मैंने उनकी चूत का खूब बैंड बजाया. दोस्तों मेरी स्टोरी आप सबको कैसी लगी? मुझे मेल करके अपने विचार जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – smartmonu530@gmail.com

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Thursday, June 28, 2018

Wednesday, June 27, 2018

Tuesday, June 26, 2018

Monday, June 25, 2018

Sunday, June 24, 2018

Saturday, June 23, 2018

Friday, June 22, 2018

Thursday, June 21, 2018

जवान लड़की की सील तोड़ी

वो लगातार चिल्लाती रही तो मैं रुक गया और फिर अपने होंठ हटा लिए तो वो बोली कि बहुत दर्द हो रहा है. मुझे छोड़ दो मुझे तेरे साथ कुछ नहीं करना. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चल गया और उसके मुँह से एक बार फिर जोरदार चीख निकल गई…

नमस्कार दोस्तों, मैं आपका अपना दोस्त अन्तर्वासना पर आप सभी का स्वागत करता हूँ. मेरी यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है. दोस्तों मेरा मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है और मैं सोनीपत का रहने वाला हूँ. मैं फिलहाल बी कॉम कर रहा हूँ और मेरी यह कहानी बिल्कुल सच्ची है. इसे पढ़कर आप अपने विचार जरूर प्रकट करें.

दोस्तों, मैं सोनीपत में रहकर दिल्ली पुलिस की कोचिंग कर रहा हूँ. हमारे कोचिंग सेंटर पर लड़कियां भी आती हैं. उनमें से एक लड़की मुझे बहुत अच्छी लगने लगी. जिसका नाम प्रियंका है. हर रोज हम क्लास में आते और जब मैं उसे देखता तो स्माइल पास कर देता. 1-2 दिन के बाद वह भी मेरी स्माइल का रिप्लाई देने लगी.

कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा. हमें क्लास करने दूर जाना होता था और वह हमारे घर के नजदीक ही रहती थी. एक दिन वह मुझे क्लास में मिली तो मैं बोला कि तू तो मेरे घर के पास से ही आती है तो मेरे साथ ही क्यों नहीं चली आती?

तो वह बोली कि चलो ठीक है, अब कल से साथ ही आते हैं. दोनों को कंपनी भी मिल जाएगी. मैं बोला कि तुझसे कॉन्टैक्ट कैसे करूँगा तो वह बोली कि मैं फ़ोन कर लूंगी. यह सुन कर मैं बोला कि फ़ोन किसके पास करेगी तो वो मज़ाक में बोली कि 100 नम्बर पर. तो मैं बोला कि अपना नम्बर दे दो तो उसने दे दिया.

उस दिन के बाद हमारी बातें होने लगी. एक दिन मैं बोला कि यार तुमसे मिलना था तो उसने मना कर दिया. फिर कुछ दिन बीत गए तो मैंने उससे बात करनी कम कर दी. जिससे वह समझ गयी. तो एक दिन मैं सुबह – सुबह ग्राउंड में फिजिकल की तैयारी के लिए गया हुआ था तो वहां पर उसका मैसेज आया कि पंकज अगर बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं.

मैं बोला – हां, बोलो.

तो वो बोली – आज रूम पर चलें क्या?

सच बोलूं तो यह सुन कर मेरे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैं बोला – ठीक है, मिलते हैं. फिर मैंने उसे कॉल किया और सारी बात समझा दी. अगले सुबह 9 बजे हम दोनों तैयार होकर घर से निकल गए.

हम अलग – अलग रास्ते होते हुए सोनीपत के ककरोई चौक पर मिले. उसके मिलने से पहले मैंने होटल निजार में एक कमरा बुक करवा लिया था. फिर हम दोनों होटल गए और होटल मैंने होटल में पैसे दिए, जिसके बाद हमें एक कमरा दिया गया. जब हम कमरे में गए तो मैंने उसको बोला कि मुझे सब कुछ देखना हैं तो वो शर्मा गयी.

फिर मैंने पहले अपने और फिर उसके सारे कपड़े निकाल दिए. अब फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर जोर – जोर से किस करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. तब तक मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दिया और अंदर – बाहर करने लगा.

अब उसके मुंह से सिसकिरियां निकल रही थी पर सारी की सारी मेरे मुंह तक ही सीमित थीं. अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना लंड कच्छे से बाहर निकाला. जिसे देख कर वो डर गयी. क्योंकि मेरी हाइट की तरह ही मेरा लंड भी बड़ा था. दोस्तों, मेरी हाइट 6 फुट और 2 इंच है और शरीर हट्टा – कट्टा है. मेरे लन्ड का साइज 8 इंच है.

फिर जब मैं अपने लन्ड का टोपा उसकी चूत के मुंह पर रखने लगा तो मैंने देखा कि उसकी चूत एक बच्ची की तरह छोटी थी. यह देख मेरे भी मन में आया कि यार इतना बड़ा इसमें कैसे जाएगा? फिर मैंने थोड़ा थूक उसकी चूत और थोड़ा अपने लन्ड पर लगाया और हल्के से ध्क्का लगा दिया, लेकिन मेरा लन्ड अन्दर नहीं गया.

फिर मैंने थोड़ा और जोर से ध्क्का लगाया तो मेरा लन्ड उसकी चूत की दीवारों को फाड़ता हुआ थोड़ा सा अंदर चला गया. इतने में उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई. जिससे मैं थोड़ा डर गया और मैंने झट से अपना लन्ड चूत से बाहर निकाल लिया और अपने फोन की टॉर्च ऑन करके देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था.

अब वो बोली कि क्या हुआ? तो मैं बोला कि कुछ नहीं हुआ. तुझे ऐसे ही दर्द हुआ होगा. फिर मैंने लन्ड पर थोड़ा और थूक लगाया और चूत पर रख कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा आधा लन्ड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख मेरे मुंह में ही दब कर रह गयी.

वो लगातार चिल्लाती रही तो मैं रुक गया और फिर अपने होंठ हटा लिए तो वो बोली कि बहुत दर्द हो रहा है. मुझे छोड़ दो मुझे तेरे साथ कुछ नहीं करना. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चल गया और उसके मुँह से एक बार फिर जोरदार चीख निकल गई.

लेकिन फिर मैं कहाँ रुकने वाला था. अब मैं लगातार अपनी कमर को आगे – पीछे करने लगा. 2-3 मिनट तक मैं ऐसे ही लगा रहा तो इसी बीच मेरा छूट गया तो मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया और देखा तो वो तब भी रो ही रही थी.

फिर मैंने उसे किस किया और चुप करा कर समझाया कि पहली बार ऐसा ही होता है. फिर 10-15 मिनट समझाने के बाद वह चुप हो गयी. इसके बाद मैंने दोबारा से अपना लन्ड उसकी चूत पर रखा और आधे से ज्यादा उसकी चूत में डाल कर आगे – पीछे करने लगा.

अबकी बार वह भी मेरा साथ दे रही थी और करीब 15 मिनट के बाद मैं फिर से झड़ चुका था. इन 15 मिनटों में अब तक वो भी 2 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद मैंने आराम से उसकी चूत में लंड सेट करके उसकी चूची दबाई, किस किया और आराम से अपनी कमर आगे – पीछे करता रहा.

उस दिन मैंने उसके साथ 4 बार सेक्स किया, क्योंकि हमारे होटल के कमरे का टाइम सिर्फ 2 घण्टे का था. इतनी देर में ही एक होटल के वर्कर ने गेट नॉक किया और बोला कि भाई टाइम हो गया तो मैं बोला कि ठीक है, 15 मिनट में आ रहे हैं.

इतना कह कर हमने बाथरूम में जाकर साथ में सफाई की और बाहर कमरे में आकर कपड़े पहने और फिर कमरे से बाहर आ गए. बाहर आकर मैंने होटल से अपनी आईडी ली और चले गए. फिर हमने बाहर ही खाना खाया और अपने – अपने घर चले गए.

तो दोस्तों, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करके अपने विचार जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – pankajjaji@gmail.com

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Wednesday, June 20, 2018

मैंने उसे चोदा जिसकी उम्मीद नहीं थी

नीचे भाभी और बाकी की औरतें बैठी गीत गा रही थीं. मैं दादी के पास बैठा था. तभी मेरी नजर भाभी पर गई. वो बहुत सुन्दर लग रही थीं. मैने सोचा कि मेरे लंड को चूत चाहिए तो भाभी को पटाने की कोशिश करता हूँ. पट गई तो खूब प्यार देगी…

हैलो दोस्तों, मैं राज रोहतक से हाजिर हूँ अपनी एक और कहानी लेकर. ये कहानी मेरे एक दोस्त की है. जिसे मैं उसी की जुबानी में पेश कर रहा हूँ. आप इसे पढ़िए और आन्नद लीजिए.

दोस्तों, मेरा नाम सोनू (काल्पनिक) है. आप सब भी जानते है कि पहचान छिपाना कितना आवश्यक है, लेकिन ये तो अच्छा है कि हम यहां बेझिझक अपनी बात शेयर कर सकते हैं.

मित्रों, कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सब को अपने बारे में कुछ बता दूं. मैं एक गांव का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 27 साल है. मेरे परिवार में माँ – बाप, दो भाई और एक बहन है. मेरे पिताजी एक किसान है और हमारे पास बस दो एकड़ जमीन है. उसी से हमारा गुजारा होता था. अब तो मेरे भाई को सरकारी नौकरी मिल गई तो सब काम ठीक होने लगे हैं.

मै आपको बता दूं कि अपने भाई – बहनों में मैं सबसे छोटा हूँ और अब जो आपको घटना बताने जा रहा हूँ, ये लगभग 3 वर्ष पुरानी है. अब आप लोग मेरी आपबीती का आन्नद लिजिए.

ये घटना मेरे पडो़स की एक औरत की है. जिसे हम भाभी कहते हैं. वह परिवार काफी बड़ा है. मतलब उसमें चार भाई हैं, जो अभी भी एक साथ रहते हैं. उनमें से तीन की शादी हो चुकी है और एक जो सबसे छोटा है, वो कुंवारा था और दिल्ली में पढ़ता था.

ये घटना मेरी और पडो़स की तीसरे नम्बर की भाभी के बीच की है. भाभी के घर में एक लड़की थी. वह उसके जेठ की लड़की थी. उसका नाम नीलू(काल्पनिक) था. अब तो उसकी भी शादी हो चुकी है, लेकिन उस दौरान हमारे घर में मेरी बहन की शादी की तैयारी चल रही थी.

नीलू मेरी बहन की दोस्त थी तो वो हमारे घर अक्सर आती रहती थी. लेकिन मैंने कभी नीलू के बारे में कुछ गलत नहीं सोचा था.

मैं बस पढता था और अन्तर्वासना की कहानी पढ़ कर मुठ भी बहुत मारता था. क्योंकि मेरी उम्र 24 की हो गई थी. इसके बाद भी मुझे चुत नहीं मिली थी. इसको मेरी किस्मत कहो या मेरी शर्म का कारण. क्योंकि जब आस – पास की कोई भाभी मजाक करती तो मैं शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पाता था.

बहन की शादी की तैयारी चल रही थी तो एक दिन माँ – पिताजी और भाई – बहन सभी लोग शादी का सामान लेने रोहतक चले गए और मुझसे कहा कि घर पर रहना और भैसों को समय पर पानी पिलाकर अन्दर बांध देना. इतना कह कर घर वाले सभी रोहतक चले गए.

उनके जाने के थोड़ी देर बाद मैंने सोचा कि आज नीचे के बाल साफ कर लेता हूँ और मुठ भी मार लूंगा तो मैंने अपने घर के सभी दरवाजे बन्द किए, लेकिन मेन गेट को बन्द करना ही भूल गया.

फिर मैं आगे वाले कमरे में गया और रेजर तथा एक प्लासटिक के बर्तन में पानी लेकर लन्ड के बाल साफ करने लगा. बाल बनाने के बाद मैं मुठ भी मारने लगा. तभी नीलू मेरी दीदी का नाम लेकर बाहर से ही आवाज देने लगी. उसकी आवाज सुन कर भी मैं चुप रहा कि जवाब न मिलने पर चली जाएगी और मैं मुठ मारता रहा.

तभी मेरी नजर दरवाजे की दरार पर गई. मुझे लगा कि कोई मुझे देख रहा है. यह देखते ही मेरा हाथ मुठ मारते – मारते वहीं रुक गया. फिर मैं जल्दी से उठा और अपनी अंडर वियर ऊपर कर ली. अब डर की वजह से मेरा लंड भी बैठ गया था. फिर मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि नीलू घर से बाहर की तरफ जा रही है.

यह देख कर मैं डर के मारे पसीना – पसीना हो गया. मुझे लगा अगर उसने किसी को बताया तो बहुत बेइज्जती होगी. फिर मैं पूरे दिन यही सोचता रहा कि मैं मेन गेट बन्द करना कैसे भूल गया. अब अगर उसने बताया तो क्या होगा!

शाम को घर वाले आए तो उनको देख कर नीलू भी आ गई. मैं डर के मारे इधर-उधर जाने लगा वो मुझे घूर कर देख रही थी. थोड़ी देर बाद फिर वो चली गई.

अब जब भी वो आती मैं वहां से हट जाता था. अब बहन की शादी में एक सप्ताह ही रह गया. हमारे गाँव में औरतों का गीत का कार्यक्रम होता है तो हमारे घर में भी अब एक सप्ताह शाम को यही कार्यक्रम होना था.

अब मैं आपको भाभी के बारे में बता दूं. वो दिखने में ठीक – ठाक हैं. वो ज्यादा गोरी तो नहीं हैं, लेकिन उनके शरीर की बनावट ऐसी है कि बहुत से लड़के मेरे सामने उनके बारे में बोलते थे कि एक बार मिल जाए तो ऐसे चोदूंगा, वैसा करूंगा. लेकिन मैं भाभी पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था. इसकी एक वजह हमारे परिवार के बीच के अच्छे सम्बंध थे.

वैसे भाभी मुझसे बहुत मजाक करती थीं. मैंने कभी भी उनको परेशान नहीं देखा. भाभी भी अब शाम को अन्य औरतों के साथ गीतों के कार्यक्रम में आने लगी और उनके साथ नीलू भी आ रही थी. अब शादी में केवल चार दिन रह गए थे तो हमारी बुआ दादी (दादा की बहन) भी आ गईं. उस दिन शाम को कार्यक्रम के दौरान मैं अपनी दादी के पास खाट पर बैठ गया.

नीचे भाभी और बाकी की औरतें बैठी गीत गा रही थीं. मैं दादी के पास बैठा था. तभी मेरी नजर भाभी पर गई. वो बहुत सुन्दर लग रही थीं. मैने सोचा कि मेरे लंड को चूत चाहिए तो भाभी को पटाने की कोशिश करता हूँ. पट गई तो खूब प्यार देगी.

अब मैं भाभी की ओर देखता रहता और दादी बुआ से बात भी करता रहता था. मैंने देखा कि भाभी भी मेरे देखने का जवाब दे रही थीं. फिर मैं सोचा कि यह मेरा वहम है. फिर राम का नाम लेकर मैं भाभी की ओर देख कर मुस्कराया
तो भाभी भी हँसी दी.

यह देख कर मैं उत्तेजना से भर गया. अब उत्तेजना मुझ पर चढ़ने लगी. मैं सब कुछ भूल गया और आखिरकार मैंने भाभी को आँख मार दी. इससे भाभी थोड़ी शर्मा गयी, लेकिन वो फिर से मेरी ओर देखने लगी.

अब मैंने सोचा, “मैं साला वैसे ही आज तक डरता रहा. अगर थोड़ा दिल खोल लेता तो मेरे आगे चूतों की लाइन लग जाती.” फिर मैंने भाभी को इशारा किया कि बाहर आ जाओ और मैं उठ कर बाहर आ गया. थोड़ी देर में भाभी भी बाहर आ गईं.

अब मैंने भाभी को उनकी छत पर जाने का इशारा किया और मैं अपनी छत पर आ गया. भाभी तो जैसे तैयार थीं. वो तुरन्त छत पर आ गयी और एक तरफ बैठ गईं. मैं भी चारों तरफ देख कर उनकी छत पर चला गया.

वहां पहुंच कर बिन बोले ही मैंने भाभी के गाल पर पप्पी ले ली. तो भाभी बोली, “बड़े बेशर्म हो तुम, इसी काम के लिए बुलाया थी.” तो मैंने कहा, “भाभी, मेरा मन कर रहा था. तुम बहुत सुन्दर हो इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पाया.”

फिर भाभी हँसी और बैठे – बैठे ही मुझे सीने से लगा लिया.
फिर तो आप सब जानते ही हैं कि क्या होगा! लेकिन उस दिन मैंने छत पर कुछ ज्यादा नहीं किया. बस भाभी ने एक बार चूसा और मुठ मार कर मेरा लंड शांत कर दिया.

आप सोचते होंगे कि ऐसा मौका हाथ से क्यों निकाल दिया? चूत क्यों नहीं ली उसकी? मित्रों मेरा मानना है कि सेक्स के लिए मन और तन दोनों का तैयार होना चाहिए. उसके बाद हमारे सम्बंध बन गए और हमने खूब मजे किए. मैंने उसे शहर ले जाकर होटल के कमरे में भी चोदा और घर और मौका मिलने घर पर भी चोदा. लेकिन दूसरों की इज्ज़त का पूरा ध्यान रखते हुए, मैंने ये बात लीक नहीं होने दी.

मेरी कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – sm115070@gmail.com और rajhooda48@gmail.com

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Tuesday, June 19, 2018

Monday, June 18, 2018

Sunday, June 17, 2018

Saturday, June 16, 2018

Friday, June 15, 2018

चुदक्कड़ मां ने बेटी को रंडी बनाया

निहारिका ने कहा, “देखो तुम हो तो बहुत सुंदर, पर तुम्हारा शरीर अभी मॉडलिंग और बॉलीवुड जैसा नहीं है. उसके लिए तुम्हें मालिश करानी होगी. ब्रेस्ट की मालिश करानी होगी और तुम्हारे हिप्स भी सही नहीं हैं. इसके लिए तुम अपने दोनों योनि स्थानों आगे और पीछे की भी मालिश करानी होगी…

यह कहानी मोना और उसकी बेटी अवनि की है. मोना नागपुर की रहने वाली हैं. वह बहुत सी सुंदर थीं और 12 साल की उम्र से ही डांस क्लासेस जाने लगी थीं. जब वह 16 साल की हुईं तो उसके क्लासेस वालों ने कहा कि मोना तुम राष्ट्रीय डांसर प्रतियोगिता में भाग ले सकती हो, लेकिन तुम्हें उनके जैसा शरीर बनाना होगा. तब मोना ने उससे पूछा कि यह कैसे संभव है?

तब उसके गुरूजी ने उसे बताया कि आपको अपने ब्रेस्ट की मालिश करनी होगी और योनि की भी मालिश करनी होगी. फिर तभी उसके गुरु मोना की मालिश करने लगे. इसमें मोना को मजा आने लगा और फिर वह मोना से कंडोम के साथ डेली सेक्स करने लगी. तब वह क्लास मोना की डांस क्लास न होकर सेक्स क्लास हो गई और फिर मोना बहुत सेक्स करने लगी. क्लासेज के सभी डांस मेंबर्स के साथ सेक्स करने लगी.

जब मोना 18 साल की हो गई तब उसके गुरूजी ने कहा कि अब कंडोम की जरूरत नहीं है. अब सभी के साथ बिना कंडोम के सेक्स किया करो. बिना कंडोम के सेक्स करने से वह प्रेग्नेंट हो गई. फिर धीरे – धीरे यह बात मोना के पेरेंट्स को पता चली तो उन्होने मोना का एबॉर्शन कराया और बहुत ही जल्दी में मोना की शादी, उससे उम्र में 10 साल बड़े लड़के राहुल से कर दी. राहुल मध्यप्रदेश के सतना का रहने वाला था.

शादी के बाद जब नागपुर से मोना के बहुत सारे मित्रों के प्रेमपत्र आये, तब मोना के पति को पता चला कि उसके तो शादी से पहले बहुत से लड़कों से सम्बंध थे और उसका तो एक बार एबॉर्शन भी हुआ था. तब उन्होंने कहा कि जो हुआ सो हुआ, अब आगे से ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए.

इसी बीच मोना प्रेग्ननेंट हो गई और उसने एक बहुत सुंदर बच्ची को जन्म दिया. बच्ची का नाम अवनि रखा गया.
अवनि जब 14 साल की हो गई तो बहुत सुंदर दिखने लगी थी. अब मोना उसके माध्यम से अपने अधूरे सपने को पूरा करना चाहती थी. मोना चाहती थी कि जो काम वह नहीं कर सकीवथी अब वह उसे अपनी अपनी बेटी से करना चाहती थी. इसके लिए वो अवनि को हमेशा बहुत ही छोटे कपड़े दिलाती थी.

सभी लोग अवनि की तारीफ भी करते थे. वह सबको बहुत सुंदर लग रही थी. अब तो अवनि भी वैसे ही कपड़ों की जिद करने लगी थी. सभी लड़के अवनि को देख कर उस पर लाइन मारने लगे थे. वह जब कोचिंग जाती, तो लड़के उसके पीछे – पीछे जाते थे.

तभी अवनि की मुलाकात अपनी एक सीनियर लड़की निहारिका से हुई. निहारिका ने उससे कहा कि तू तो पढ़ने में भी बहुत अच्छी है और देखने में भी बहुत सुंदर है. तुम्हें तो मॉडलिंग में या बॉलीवुड में जाना चाहिए.

तब अवनि ने आश्चर्य करते हुए कहा, “क्या सच में मैं बॉलीवुड या मॉडलिंग में जा सकती हूँ!”

तब निहारिका ने कहा, “हां सच में और तुम्हें उसके लिए कुछ करना होगा.” अब अवनि ने चहक कर पूछा, “क्या करना होगा मुझे?”

निहारिका ने कहा, “देखो तुम हो तो बहुत सुंदर, पर तुम्हारा शरीर अभी मॉडलिंग और बॉलीवुड जैसा नहीं है. उसके लिए तुम्हें मालिश करानी होगी. ब्रेस्ट की मालिश करानी होगी और तुम्हारे हिप्स भी सही नहीं हैं. इसके लिए तुम अपने दोनों योनि स्थानों आगे और पीछे की भी मालिश करानी होगी.

फिर अवनि ने कहा, “यह कैसे होगा?” तब निहारिका ने कहा, “तुम चिंता मत करो, तुम अपने ब्रेस्ट की मालिश धीरे – धीरे खुद कैसे करोगी! तुम बिल्कुल भी परेशान न हो इसके लिए मैं अपने भाई अभिषेक से बोल दूंगी वह सब कुछ कर देगा और किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा. और तो और वह तुम्हारे तमाम फोटो भी ले लेगा जिन्हें बॉलीवुड और मॉडलिंग कंपनी को भेज देंगे.”

इसके बाद तो अवनि अब रोज कोचिंग के बाद अभिषेक के फार्म हाउस पर जाने लगी और ब्रेस्ट की मालिश कराने लगी.

एक दिन अभिषेक ने उससे कहा, “अवनि, कैसा लग रहा है?” तो अवनि ने कहा, “अभिषेक, जब से स्तनों की मालिश करवा रही हूँ तब से बहुत अच्छा लगने लगा है.” मौका पाते ही अभिषेक ने कहा, “अब आज ऐसे ही योनि की मालिश भी करते हैं. उसमें तो और भी अच्छा लगेगा.”

अब अवनि रोज अभिषेक के साथ सेक्स करने लगी और सेक्स करते हुआ और नंगी तस्वीरें भी निकलवाने लगी. ऐसे ही छह महीने बीत गए. एक दिन निहारिका ने अवनि से कहा, “अवनि, मैंने तुम्हारे फोटो बॉलीवुड और मॉडलिंग कंपनी को भेजा था. उन्होंने फ़ोटो देखा और कहा कि तुम्हारे हिप्स सही नहीं है.”

इस पर अवनि ने पूछा अब क्या करूँ? तो निहारिका ने कहा, “इसके लिए तुम्हें एक साथ आगे और पीछे मालिश करानी होगी और इसके साथ में ही ब्रेस्ट की भी मालिश करानी होगी.”

यह सुन कर अवनि ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा, “इतना सब एक साथ कैसे होगा?” तो निहारिका ने कहा, “तुम चिंता मत करो, अभिषेक सब की व्यवस्था कर देगा.”

फिर अगले ही दिन से अभिषेक ने अपने दो और दोस्तों को बुला लिया और अब एक अवनि के ब्रेस्ट दबाता, दूसरा आगे से सेक्स करता और तीसरा पीछे से सेक्स करने लगा. एक साथ यह सब होने से अवनि बहुत थकने लगी. एक दिन उससे अभिसेक ने दारू देते हुए कहा, “एक काम करो तुम इसे पियो.” अवनि ने उसे पी लिया.

फिर धीरे – धीरे अभिषेक ने उसे दारू पीने की भी आदत दाल दी और उससे कहा कि मुंबई से खबर आयी है कि दारू और सिगरेट पीते हुआ फोटो भेजो.”

धीरे – धीरे अवनि को सब पता चल गया था, लेकिन अब उसे भी यह सब करने में मजा आने लगा था. फिर वह उन तीनों के साथ डेली सेक्स करने लगी और निहारिका रोज उसके फोटो और वीडियो लेती रही.

अब अवनि की हालत ऐसी हो गई कि उससे बिना सेक्स के रहा ही नहीं रहा जाता था. अब तो वो घर पर झूठ बोलकर रात को भी जाने लगी. वो घर पर बोलती कि फ्रेंड के यहाँ पढ़ने जाना है और फिर चुदाई कराने निकल जाती.

मोना भी अवनि के शरीर में हो रहे इस बदलाव देखकर समझ तो गई थी पर वो सब कुछ इग्नोर करती रही. करीब छह महीने तक अवनि उन तीनों लड़कों के साथ सेक्स करती रही. फिर जब उसे कम मज़ा आने लगा तो उसने उन्हें छोड़ दिया और दूसरे लड़कों को पकड़ लिया, लेकिन वो कहानी फिर कभी.

मेरी कहानी आप लोगों को कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं.

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Thursday, June 14, 2018

जवान गर्लफ्रेंड की चूत को ठोका

फिर मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए और उसकी बालों वाली चूत मे उंगली करने लगा. दोस्तों, मुझे लग रहा था कि जैसे मैं किसी भठ्ठी में उंगली कर रहा हूँ. उधर वो भी मेरे लौड़े से खेल रही थी. अब मैं धीरे – धीरे उसके सारे बदन को चूमते हुए उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी…

हेलो फ्रेंड्स! अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरे खडे लन्ड का नमस्कार! दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं अन्तर्वासना का बहुत बडा फैन हूँ. मैंने यहां प्रकाशीट्सलगभग सारी कहानियां पढी हुई हैं. इन्हीं कहानियों को पढ़कर मेरे अंदर भी विश्वास जाएगा और फिर मैंने सोचा कि मैं भी मेरी सच्ची कहानी आप सबके साथ शेयर करुं.

दोस्तों, मेरा कद 5 फुट और 9 इंच है. मेरा गोरा रंग है और मेरे लंड की लम्बाई आप लोगों के लंड के ही जितनी है. मुझे हमेशा से ही कुंवारी लडकियों की चूत चोदना बहुत पसंद है और मैंने बहुत सारी लड़कियों की चूत चोदी भी है. इनमें कई कुंवारी लड़कियां भी हैं. मैं जब भी कोई कुंवारी लडकी देखता हूँ तो मेरा लन्ड कड़क हो जाता है.

बात उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज में पढता था. मैं पढने में ठीकठाक था. कॉलेज के दिनों में मैं कॉलेज में कम और बाहर ज्यादा बैठता था. एक दिन मैं और मेरा दोस्त उसके घर पर बैठ कर कम्प्यूटर में ऑनलाइन चैटिंग कर रहे थे. तभी हमने देखा कि एक लड़की, जिसकी उम्र करीब 18 साल होगी, वो ऑनलाईन हुई और हमसे बातें करने लगी.

हालांकि उस बार हमारी बात बहुत कम हुई. फिर मैंने उसे मेरे आईडी से रिकवेस्ट भेजी और उसने मेरी रिकवेस्ट स्वीकार कर ली. अब मैं रोज सारा दिन ऑनलाइन रह कर उसके ऑनलाइन होने का इंतजार करने लगा. करीब 4 दिन इंतजार करने के बाद मेरे भाग्य से वो ऑनलाइन हुई और मुझसे बातें करने लगी. अब तो बातों का सिलसिला चलने लगा.

करीब 8 दिन के बाद मैंने उसे प्रपोज किया तो उसने मना कर दिया और कहने लगी कि मैं वैसी लड़की नही हूँ, लेकीन दो दिन बाद उसने मुझे सॉरी कहा और मेरा प्रपोजल स्वीकार कर लिया. बस मेरी तो निकल पड़ी. हमारे बीच रोज घंटों बातें होने लगी.

फिर एक दिन मैंने उसे मिलने के लिए बुलाया. तो उसने कहा कि अगर हमें कोई देख लेगा तो बड़ी मुसीबत हो जायेगी. इसलिए मैंने उसे कहा कि अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं एक रूम बुक कर देता हूँ. इस पर उसने कोई आपत्ति नहीं बताई तो मैंने तय किए हुए दिन पर एक रूम बुक करा लिया.

उसके बाद मैं तय दिन पर होटल पर चला गया और उसका वेट करने लगा. वो तय किए हुएवटाइम से 10 मिनट देर से आयी. दोस्तों, आप तो जानते ही हैं कि लड़कियां हमेशा देर से ही आती हैं.

उस दिन जब मैंने उसे देखा तो बस देखता ही रह गया. उसका बदन एक दम परी जैसा था. उसके बूब्स तो हाय! उन्हें देख कर मैं तो घायल ही हो गया था. फिर उसने नजदीक आकर मुझे हेलो कहा और हम होटल के रूम में चले गये. वहां जाते ही मैंने उसके हाथ पकड़ लिए और अपनी तरफ खींच लिया. फिर मैं उसके मुलायम बालों पर हाथ फेरने लगा.

फिर उसे बेड पर बैठा कर मैंने नास्ता और कोल्ड ड्रिंक्स का ऑर्डर किया. नास्ता करने के बाद मैंने उसे कहा कि मुझे तुम्हें किस करनी है तो उसने भी मुझे किस करने के लिए हां बोल दिया. बस दोस्तों, फिर क्या था! मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और किस करने लगा.

किस करते – करते कब मेरा हाथ उसके बूब्स पर पहुंच गया पता ही नहीं चला. मैं धीरे – धीरे उसके बूब्स दबा रहा था और कस के उसके होंठो पर किस करता रहा. फिर कुछ देर बाद मैंने उसका टॉप निकाल दिया और थोड़ा रुक कर मैंने उसका पायजामा भी निकाल दिया.

अब वो सिर्फ काले रंग की ब्रा और पेन्टी में थी. उसका फीगर 30-34-30 था. वह बहुत ही लाजबाब लग रही थी! वह ऐसी दिख रही थी दोस्तों कि कोई भी उसे देख कर अपना लौड़ा हिलाते देर नहीं करता. जैसे कि आप हिला रहे हैं.

फिर मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए और उसकी बालों वाली चूत मे उंगली करने लगा. दोस्तों, मुझे लग रहा था कि जैसे मैं किसी भठ्ठी में उंगली कर रहा हूँ. उधर वो भी मेरे लौड़े से खेल रही थी. अब मैं धीरे – धीरे उसके सारे बदन को चूमते हुए उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी.

अब वो चिहुंकने लगी और मेरा साथ देने लगी और मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी. थोडी देर बाद मैंने उसे मेरा लौड़ा चूसने को बोला. शुरू में थोडी ना नुकुर करने के बाद वो मेरा लौड़ा चाटने लगी.

फिर मुझसे बोलने लगी कि राज अब मुझे मत तड़पाओ, मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दो. फिर मैंने भी देर ना करते हुए उसकी चूत में अपना लन्ड का सुपाडा रखा और जोर से झटका लगाया. जिससे वो चिल्लाने लगी उसकी और उसकी आंखों में आंसू आ गये. उसकी सील मेरे इस धक्के के साथ टूट चुकी थी.

फिर धीरे – धीरे मैं उसे चोदने लगा. थोड़ी देर बाद वो नार्मल हो गई और फिर खुद ही अपनी गांड उठा – उठा कर चुदवाने लगी और अपने मुंह से ‘आह आह, ऊह उह’ की आवाजें करने लगी थी. उसकी सिसकारी से पूरा कमरा गूंज रहा था

लगभग 15 मिनट चोदने के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उसे कहा कि मेरा होने वाला है तो उसने भी कहा कि उसका भी होने वाला है. फिर मैंने उसके बाद 10-12 धक्के मारे और उसकी चूत में ही झड़ गया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया.

सॉरी दोस्तों, मैं उसका नाम ही बताना भूल गया. उसका नाम रानी (बदला हुआ) था. फिर रानी ने मेरा लन्ड अपनी जीभ से चाट कर साफ किया.

थोड़ी देर बात करते – करते मेरा मूसल फिर से हरकत में आ गया तो वो भी अपने हाथों से मेरे लौड़े को सहलाने लगी. थोड़ी देर तक उसके सहलाने से मेरा लन्ड फिर से लोहे की रॉड बन गया और फिर मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ.

इस पर रानी ने कहा, “नहीं, गांड फिर कभी मार लेना.” तो मैंने कहा, “अच्छा चलो, तुम जो कहो वही ठीक है.” तो उसने कहा, “राज, मैं पीछे से चुदना चाहती हूँ.” यह सुनकर मैंने कहा, “मेरी जान, जो तुम कहो.”

फिर मैंने उसे बेड पर कुत्ते की पोजीशन में किया और पीछे से लन्ड को उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया. अब मैंने पीछे से उसकी कोमल चूत में मेरा मोटा मूसल घुसेड़ दिया. वो फिर से चिल्लाने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी चूत में जोर – जोर लन्ड अंदर – बाहर करने लगा.

इतने में जो हुआ, उससे तो मेरे होश ही उड़ गये. वो मुझे गालियां देने लगी. वो बोली, “आहहहहहह राजा, मेरी चूत का भोसडा बना दो, मैं तुम्हारी हूँ. तुम जैसे चाहो वैसे मुझे चोदो. आह मां के लौड़े डाल दे पूरा मेरी चूत में.” अब मैं भी पूरे जोश में आ गया और उसकी चूत को चोदे जा रहा था.

करीब 10-15 धक्के के बाद मेरा होने वाला था तो मैंने उसकी चूत से लन्ड निकाल कर उसे सीधा कर दिया और उसके मुंह में डालकर उसके मुंह को चोदने लगा. थोडी देर उसका मुंह चोदने के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया.

फिर हमने कपड़े पहेने और वहां से निकल गये. उसके बाद हम जब भी मिलते हैं चुदाई जरूर करते हैं. ये सिलसिला 3 साल चला और फिर हम अलग हो गये.

दोस्तों, यह थी मेरी सच्ची कहानी. कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – Aryenraj13@gmail.com

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Wednesday, June 13, 2018

Tuesday, June 12, 2018

Monday, June 11, 2018

Sunday, June 10, 2018

Saturday, June 9, 2018

चाची की चुदास भरी सिसकियां

उसके बाद दोबारा मैंने उसके बूब्स दबाये किस किया. जिससे वो फिर से गरम हो गई. फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो तड़प उठी और मुझे नीचे खीचने लगी थी. वो चाहती थी कि मैं तुरन्त ही लन्ड उसकी चूत में डाल दूं…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आयुष है और मैं नई दिल्ली में रहता हूँ. अभी मेरी उमर 24 साल है. मेरी ये कहानी मेरी और मेरी चाची पायल के ऊपर हैं. मैं दिल्ली के सरोजिनी नगर इलाके में रहता हूँ और हमारी जॉइंट फैमिली है. जिसमें मैं, मेरे मम्मी – पापा और मेरे चाचा – चाची रहते हैं.

ये बात साल 2014 की है. मेरे चाचा एक ट्रैवेल कंपनी में काम करते हैं. इसलिए उनको हमेशा बाहर विदेशी लोगों को घुमाने ले जाना पड़ता है. मेरी चाची की उम्र 32 साल है और उनका फिगर दिशा पाटनी के जैसा है.

बात शुरू होती है 14 मार्च से. उस दिन मेरे चाचा घर पर ही थे. वो अभी – अभी 1 ग्रुप का टूर खत्म करा के आये थे. उस रात को मैं पानी पीने के लिए गया तो उनके रूम से सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी. मैंने ध्यान से उनकी सिसकारी सुनी. वो सिसकी करीब 5 मिनट में बंद हो गयी थी.

उसके बाद चाची की बोलने की आवाज़ सुनाई दी, “तुम तो 10 दिन बाद आते हो उसमे भी जल्दी ही थक जाते हो.” वो चाचा को कोस रही थीं. उस दिन मुझे समझ में आया कि चाची बहुत प्यासी हैं. उस दिन से मैंने चाची के ऊपर ध्यान देना स्टार्ट कर दिया.

रात को खाना खाने के बाद चाची के रूम में जाना और उनसे बातें करना, टीवी देखना ये भी शुरू कर दिया. फिर ये सिलसिला करीब एक हफ्ता तक चला. एक रात को मैं और चाची टीवी देख रहे थे. उसमें ‘शूटआउट एट वडाला’ मूवी आ रही थी. उस मूवी में सेक्स का सीन आया, जिसे हम दोनों ने देखा. फिर मैं सोने अपने रूम में आ गया.

थोड़ी देर बाद मैं टॉयलेट जाने लगा तो मुझे चाची के रूम से फ़ोन पर बात करने की आवाज़ सुनाई दी. चाची किसी से फोन पर सेक्स की बात कर रही थीं. उनकी सिसकारियों की आवाज़ बहुत तेज आ रही थी. शायद वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी और कह रही थी, “जल्दी आ जाओ टूर खत्म करके. मुझसे नहीं रहा जाता अब बिना लन्ड के.”

उसके एक घंटे बाद आवाज़ आना बन्द हो गयी थी. शायद चाची उंगली करके सो गई थी. अगले दिन मैंने चाची से कहा, “चाची, कल रात आप को क्या हो गया था?” यह सुन कर तो वो एक दम से सकपका गयी और कहने लगी, “कुछ भी तो नहीं हुआ था.” तो मैंने डायरेक्ट चाची से बोल दिया, “चाची, मैंने सब सुन लिया है. आप बहुत प्यासी हैं और आपको प्यार की जरूरत है.”

उसके बाद मैं चाची के नजदीक गया और उनको किस करने लगा. तो चाची ने कहा, “अभी नहीं, अभी तुम्हारी मम्मी यहीं हैं. रात को रूम में आना.” मैंने कहा ठीक है.

अब मैं अपने रूम में चला आया. अब मुझे रात का वेट था. इस दौरान शाम को मैंने चाची को कहा कि आज आप जैसे सुहागरात पर तैयार थीं वैसे ही तैयार रहना. तो उन्होंने कहा ठीक है. इसके बाद फ़िर मैं केमिस्ट की दुकान में गया और वहां से कंडोम, वायग्रा और नींद की गोली ले आया.

रात को मम्मी – पापा के खाने में मैने नींद की गोली डाल दी और वायग्रा की गोली मैंने खुद खा ली. अब मुझे इंतजार था तो मम्मी – पापा के सोने का. वो भी एक घंटे में ही बेहोस हो गए.

उसके बाद मैंने चाची को कहा कि तैयार हो जाओ. तो उन्होंने कहा, “बस हो रही हूँ.” करीब 20 मिनट के बाद चाची ने मुझे अपने रूम में बुलाया. जब मैं गया तो उन्हें देखता रह गया. उन्होने अपनी शादी वाला लहँगा पहना हुआ था. वो बिल्कुल नई दुल्हन की तरह सजी हुई थीं.

अब मैं उनके पास गया और उनका घूंघट उठा कर उनके होंठों के ऊपर टूट पड़ा. वो भी मेरा साथ एक भूखी शेरनी की तरह देने लगी. मैं धीरे – धीरे उनके बूब्स दबाने लगा. इससे उनकी सिसकियां निकलने लगीं. उनकी सिसकारियों का तो कहना नहीं था!

फिर मैंने उनके ब्लाऊज को उतारा तो देखा कि उन्होंने पिंक ब्रा पहनी हुई थी. जोकि बहुत हॉट लग रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा को भी उतार दिया. उनके बूब्स देख कर तो मैं पागल ही हो गया था.

उनके लाइट ब्राउन निप्पल वो भी टाइट हो रखे थे. पहले तो मैंने उनको खूब दबाया और फिर खूब चाटा भी. अब वो तो एक दम पागल ही हो गई थी. उन्होंने मेरे पीठ पर नाखून गड़ा दिए. फिर धीरे – धीरे मैं नीचे उनके पेट पर किस करने लगा. जिससे वो बहुत उत्तेजित हो गयी.

फिर मैंने उसका लहँगा उतार दिया. उसने नीचे भी पिंक पैंटी पहनी थी. जोकि अब तक बहुत भीग चुकी थी. उसमें से बहुत ही अच्छी खुशबू आरही थी. अब मैंने उनकी पैंटी उतार दी. अन्दर क्लीन शेव चूत थी. जिसे देख कर मैं तो पागल ही हो गया था.

फिर मैंने अपनी पैंट से डेयरी मिल्क निकाली और उसकी चूत में मेल्ट करके लगा दी. अब मैं उसकी चूत चाटने लगा. कसम से दोस्तों, चूत में चॉकलेट लगा कर चाटो और तब देखना कितना अच्छा टेस्ट आता है! उसकी चूत को चाटते हुए अभी 2 मिनट ही हुए थे कि वो मेरा सर अपने चूत पर दबाने लगी. तभी उसकी चूत से गरम लावा निकला जो मैं चाट गया.

उसके बाद दोबारा मैंने उसके बूब्स दबाये किस किया. जिससे वो फिर से गरम हो गई. फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो तड़प उठी और मुझे नीचे खीचने लगी थी. वो चाहती थी कि मैं तुरन्त ही लन्ड उसकी चूत में डाल दूं.

फिर मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर लगाया और जोर का एक धक्का मारा. जिससे उसका दर्द के मारे बुरा हाल हो गया. फिर मैंने धीरे – धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया. अब वो भी मेरा साथ देनी लगी.

वायग्रा का असर मुझमें तो था ही. इसलिए 25 मिनट तक मैंने उसको अपने नीचे रख कर चोदा. फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया. अब वो मेरे लन्ड के ऊपर कूद – कूद कर चुदने लगी.

करीब 15 मिनट में वो थक गई तो मैंने कंडोम निकल के फेक दिया और चाची के मुंह में अपना लंड डाल दिया. करीब 10 मिनट चूसने के बाद मेरे लण्ड का पानी निकल गया, जिसे वो पी गयी. उस दिन से चाची और मेरा पति – पत्नी वाला रिश्ता बन गया. अब हमें जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं.

हम दोनों ने करीब 5 साल चुदाई की. उसके बाद चाचा को विदेश से जॉब का ऑफर आ गया और वो विदेश चले गए. अभी 4 पहले चाची को अपने साथ लेकर चले गए.

अब हम दोनों वीडियो कॉल सेक्स चैट कर लेते हैं. अब मुझे उनकी बहुत याद आती है. क्योंकि मुझे चूत चाटने की आदत लग गयी है. इसलिए बिना चूत चाटे मज़ा ही नहीं आता है.

मेरी यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी –
96ayusingh@gmail.com

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Friday, June 8, 2018

Thursday, June 7, 2018

Wednesday, June 6, 2018

खराब कंप्यूटर ने दिलाई आंटी की चूत

पहले तो उन्होंने छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और मेरे सिर में अपनी उंगलियां घुमाने लगी. अब मैं भी अपने एक हाथ से उसकी चूत और दूसरे हाथ से बूब्स को दबाने लगा. अब वो धीरे – धीरे सिसकियाँ भी भरने लगी थी…

हैलो दोस्तों, मेरा नाम सैम है और मैं हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में रहता हूँ. मेरी उम्र 22 साल है और मेरी हाईट 5 फिट 6 इंच है. भरपूर टाईप की बॉडी और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच और मोटाई 6 इंच की है.

अब मैं आपको अपनी रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ. यह बात उस टाइम की है, जब मैं डिप्लोमा कर रहा था. यानी कि आज से करीब 8 महीने पहले की. तब मैं एक्स्ट्रा पॉकेट मनी के जुगाड़ में पार्ट टाइम कंप्यूटर रिपेरिंग का काम भी करता था.

एक दिन मुझे एक अंकल का कॉल आया. वो बोले, “मेरा कंप्यूटर खराब हो गया है, आप आकर इसे प्लीज़ ठीक कर दीजिये.” मैंने उनसे उनका एड्रेस लिया और उनको अपने आने का टाईम दे दिया. अगले दिन मैं सुबह 11 बजे उनके घर पहुंचा और डोर बेल बजाई तो 28-30 साल की एक आंटी ने दरवाजा खोला. क्या आंटी थी वो! मैं तो उन्हें देखता ही रह गया.

अब मैं आपको उनके बारे मैं बताता हूँ. उनकी हाइट 5 फिट 8 इंच रही होगी और उनका साईज़ करीब – करीब 38-28-40 का रहा होगा. वह एक दम दूध की तरह गोरी और खूबसूरत दिखती थीं. उन्हें देख कर मैंने मन ही मन उन्हें चोदने का सोचने लगा.

फिर मैं घर में गया तो उसके पति वहीं थे। उन्होंने मुझे अपना कंप्यूटर दिखाया. फिर मैंने उसे चेक किया तो पाया कि उसका विंडो खराब था. फिर मैंने सोचा कि अगर आज ही कंप्यूटर ठीक कर दूँगा तो उस आंटी से बातचीत नहीं कर पाऊंगा क्योंकि उस दिन रविवार था और उसके पति की ऑफिस की छुट्टी थी.

इसलिए मैंने कहा कि मैं आपका कंप्यूटर कल आकर ठीक करता हूँ. उसके पति ने कहा कि कल आप प्लीज़ 11 बजे से पहले आ जाना क्योंकि उसके बाद मुझे ऑफिस जाना होता है.

मैंने कहा ठीक है और फिर मैं वहां से आ गया. फिर मैं कल का इंतज़ार करने लगा. कल के काम के लिए मैंने अपने बैग में एक विंडो की सी.डी और एक ब्लू फिल्म की सी.डी रख ली और फिर जान – बूझकर में 10:50 पर उनके घर पहुंचा.

आज फिर दरवाजा उसी आंटी ने खोला और उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा. मैंने देखा कि उसके पति ऑफिस जाने की तैयारी कर रहे हैं.

मुझे देख कर उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने आपको 11 बजे से पहले आने को कहा था और आप इतना लेट आ रहे हो? तो मैंने कहा कि मैं किसी काम मे अटक गया था.

फिर उन्होंने कहा कि मैं तो जा रहा हूँ. आप कंप्यूटर ठीक करके पैसे मेरी पत्नी से ले लेना. मैंने कहा, “ठीक है” और फिर वो वहां से चले गये. उसके बाद में कंप्यूटर को ठीक करने लगा.

करीब 10-15 मिनट के बाद आंटी मेरे पास आईं और मुझसे पूछा कि आप को कुछ चाहिये. उनकी बात सुनकर मैंने मन में सोचा कि आपकी चूत चाहिये पर मैंने कहा कि सिर्फ़ पानी पिला दीजिये.

फिर वो मेरे लिए पानी ले कर आई और मेरे पास आ कर बैठ गयी. उसके बदन से बहुत अच्छे परफ्यूम की खुशबू आ रही थी. उसे सूंघकर ही मेरा लंड तन गया. कुछ देर बाद जब विंडो इन्स्टोलेशन पूरी हो गयी तो मैंने उनसे उनके मदरबोर्ड की सीडी माँगी. इसपर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता. फिर भी मैं आपको वो सारी सीडी ला देती हूँ जो हमारे पास पड़ी है.

अब उन्होंने मुझे सीडी ला कर दी. फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज़, मुझे एक ग्लास पानी पिला दीजिये. अब जब वो मेरे लिए पानी लेने गयी तो मैंने अपने बैग से ब्लू फिल्म की सीडी निकालकर उनके बैग में डाल दी.

जब वो पानी ले कर आई तो में सीडी ढूंढने का बहाना करने लगा और फिर ब्लू फिल्म की सीडी कंप्यूटर में डाल कर एक दम से बीच का सीन लगा दिया. जिसमें कि एक आदमी एक औरत की चूत चोद रहा होता है.

यह देखते ही मैं नाटक करने लगा. जैसे कि यह सीडी ग़लती से लग गयी हो. तभी मैंने आंटी की तरफ देखा तो उन्होंने अपनी आंखें बंद कर रखी थी और ज़ोर – ज़ोर से साँसें ले रही थी.

अब मैंने आंटी से कहा कि मैं अभी बाथरूम से आता हूँ. यह कह कर मैं बाथरूम में घुस गया और हल्का सा दरवाजा खुला छोड़ दिया ताकि मैं उसको देख सकूँ. थोड़ी देर बाद आंटी उठी और उस ब्लू फिल्म को कंप्यूटर में लगाकर देखने लगी और साथ ही साथ वह अपने सलवार के अंदर हाथ डालकर अपनी चूत मसलने लगी थीं.

मैंने सोचा कि यही सही टाइम है सैम घुस जा कमरे में. फिर मैं एक झटके के साथ कमरे में घुस गया. मैं इतनी जल्दी से कमरे में घुसा कि उसे अपना हाथ अपनी चूत से हटाने का टाइम भी नहीं मिला.

मुझे देख कर वो एक दम से घबरा गयी और अपना हाथ अपनी सलवार से निकाल कर वहां से जाने लगी. यह देख मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और पलट कर उनके होंठों पर ज़बरदस्ती किस करने लगा.

पहले तो उन्होंने छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और मेरे सिर में अपनी उंगलियां घुमाने लगी. अब मैं भी अपने एक हाथ से उसकी चूत और दूसरे हाथ से बूब्स को दबाने लगा. अब वो धीरे – धीरे सिसकियाँ भी भरने लगी थी.

फिर मैंने उसे अपने से अलग कर उसका कुर्ता और सलवार उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पिंक कलर की ब्रा और पैंटी में खड़ी थी. फिर उसने भी मेरे कपड़े भी उतार दिया.

मेरे 7 इंच के लंड को देखकर उसकी आँखों में एक चमक सी आ गयी. फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा और पैंटी खींच दी. अब हम दोनों एक दम नंगे खड़े थे. फिर मैंने उनसे कहा कि क्या आपको 69 पोज़िशन के बारे में पता है तो उन्होंने मना कर दिया.

फिर मैं उसे लेकर बेड पर लेट गया और उनसे कहा कि वो अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दे और अपना मुँह मेरे लंड पर. उसने वैसा ही किया. फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपनी जीभ घुमाई तो वो पागल सी हो गयी और ‘आआअहह आह’ की आवाजें निकालने लगी. जिससे मेरे अंदर का शैतान जाग गया और मैं अंदर तक अपनी जीभ डालने लगा.

इससे वो पागल सी होने लगी और मेरे लंड को अपने मुँह से बड़ी तेज़ी से चूसने लगी. करीब 20 मिनट के बाद मैं झड़ गया और उसने मेरा सारा पानी पी लिया.

फिर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लेटाया और उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत के मुँह पर अपने लंड को रगड़ने लगा. इससे वो और पागल सी हो गयी और मुझसे कहने लगी कि बस और मत तड़पाओ मुझे… मैं तुम्हारे लंड के लिये मरी जा रही हूँ. प्लीज, मुझे चोद दो.

मैं तो जैसे इसी वक़्त का इंतज़ार ही कर रहा था. अब मैंने लन्ड सेट करके एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो हल्की सी चिल्लाई.

मैंने अपने हाथों से उसका मुँह बंद कर दिया और फिर एक और झटका मारा. इस बार तो वो और भी ज़्यादा चिल्लाई और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसे पकड़ रखा था. कुछ देर तक उसकी चूत में लंड बिना हिलाए रखा तो उसने बताया कि उसके पति का लंड सिर्फ़ 4 इंच लंबा है और वो उसे सही तरीके से चोद नहीं पाते हैं.

यह सुनकर मैंने कहा कि कोई बात नहीं आज मैं तुम्हारी चूत की प्यास बुझाऊंगा. यह कहकर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर आराम से उसकी चूत मारने लगा.

अब उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगी थी और पूरे कमरे में गूंजने लगी थी. फिर मैंने अपनी स्पीड और भी तेज कर दी जिससे वो और तेज ‘हा हा मैं मर गयी’ की आवाजें निकालने लगी थी और मुझे गालियां भी देने लगी, “भोसड़ी के आज तूने मुझे चोद ही दिया, मैं तो कल से तुझसे चुदवाना चाहती थी, पर कैसे कहती?”

करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद उसने मुझसे कहा कि वो झड़ने वाली है. जिसे मैंने सुनकर भी अनसुना कर दिया और चोदता रहा. फिर एक दम से उसके शरीर में एक कंपन सा हुआ और मेरे लंड पर मुझे कुछ गर्म – गर्म सा महसूस हुआ. मैं समझ गया कि वो झड़ चुकी है.

फिर भी मैं रुका नहीं और उसे चोदता रहा. अब वो फिर से अपनी गांड उठा – उठा कर मेरा साथ देने लगी थी. उसकी चूत से उसका पानी हल्का – हल्का बहने लगा था, जिसकी वजह से उसकी चूत कुछ चिपचिपी सी हो गयी थी.

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गयी. फिर मैंने उसे कहा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ, तुम मेरा लंड चूस कर इसका सारा पानी पी जाओ, पर उसने कहा कि नहीं आज तुम मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो.

यह सुन कर मुझे और भी जोश आ गया और मैंने अपनी स्पीड बहुत ही तेज कर दी और करीब 20-25 झटके मारने के बाद में मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और थककर बिस्तर पर गिर गया.

अब हम दोनों पसीने में भीग चुके थे. कुछ देर बाद मैंने उसकी तरफ देखा तो वो रो रही थी. जब मैंने पूछा तो उसने कहा कि आज किसी ने पहली बार उसे इतनी अच्छी तरह चोदा है. यह कहकर वो मुझसे लिपट गयी.

फिर हम दोनों एक – दूसरे को साफ करने के लिये बाथरूम में चले गये. वहां पर उसने मुझे नहलाया और खुद भी नहाई. नहाकर जब हम बाहर निकले तो वो कपड़े पहनने लगी तो मैंने मना कर दिया.

फिर मैंने कहा कि मुझे भूख लगी है. वो मेरे लिये खाना बनाने किचन में चली गई. हम दोनो नंगे ही सारे घर में घूम रहे थे. वह खाना बना रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था. फिर मैंने उसे अपना लंड भी चुसाया.

करीब 1 घंटे बाद हम लोगों ने खाना खाया और आराम करने लगे. तब तक 3 बज चुके थे. फिर मैंने कहा कि चलो एक बार और लास्ट टाइम करते हैं तो वो खुश हो गयी. लेकिन जब मैंने कहा कि इस बार मैं तुम्हारी गांड मारूंगा तो वो मना करने लगी.

ये सुनकर मैं वहाँ से जाने लगा तो उसने कहा ठीक है, लेकिन अगर दर्द होगा तो तुम नहीं मारोगे. मैंने भी कहा कि ठीक है. फिर हम लोग वापस रूम में आ गये. फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर बहुत सारा तेल लगाया.

जिससे उसको दर्द ना हो और मेरे लंड पर भी लगाया ताकि वह उसकी गांड में आराम से चला जाये और फिर उसके हाथों से अपने लंड की थोड़ी मालिश भी करवाई.

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड के मुँह पर अपना लंड रखकर हल्का सा ज़ोर लगाया, लेकिन मेरा लंड जरा सा भी अंदर नहीं गया. फिर मैंने पूरी जान से अपने लंड को धक्का दिया तो इस बार आधे से भी ज़्यादा लंड उसकी गांड में घुस गया और वो बहुत तेज चिल्लाई.

उसकी आँखों से आँसूं भी निकल आये. अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज़, मेरी गांड से अपना लंड निकालो, बहुत दर्द हो रहा पर मुझे कहाँ उस पर दया आने वाली थी.

फिर मैं उसकी गांड मे लंड डालकर खड़ा रहा. करीब 10 मिनट बाद जब वो कुछ शांत हुई तो मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से दोबारा पूरा का पूरा अंदर डाल दिया.

इस बार वो और भी ज़्यादा चिल्लाई और मुझे गालियां भी देने लगी, “बहन के लोड़े क्यों मेरी गांड फाड़ने में लगा है, इसे बाहर क्यों नहीं निकाल लेता”. लेकिन मैं बिना कुछ कहे – सुने आराम से लगा रहा.

फिर जब वो शांत हुई तो मैं आराम – आराम से उसकी गांड मारने लगा. लेकिन इस बार उसने कुछ नहीं कहा. ये देखकर मेरा भी हौसला बढ़ गया और मैंने अपने लंड की स्पीड थोड़ी और तेज कर दी.

अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो मेरे लंड का साथ देने लगी. अब वो दोबारा से सिसकियाँ भरने लगी थी. इसके साथ साथ मैं अपनी एक उंगली से उसकी चूत भी चोद रहा था.

करीब 20 मिनट बाद उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया और मैंने उसे अपने हाथ में भर कर चाट लिया. इस बीच मेरा लंड भी जवाब दे गया और मैंने उसकी गांड में ही अपना सारा पानी छोड़ दिया.

अब हम दोनों ढीले पड़ चुके थे. फिर कुछ देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में जाकर एक – दूसरे को साफ किया. फिर जब मैं वहाँ से जाने लगा तो उसने मुझसे कहा कि आज तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है. क्या तुम दोबारा कभी मेरे पास आना चाहोगे? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं. फिर मैंने उसे अपना फोन नम्बर दिया और वहाँ से आ गया.

फिर और भी लड़कियों को मैंने कैसे चोदा वो कहानी फिर कभी बताऊंगा. आप अपने कीमती सुझाव मुझे मेल करके दे सकते हैं. मेरी ईमेल आईडी – saini.s6268@gmail.com

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Tuesday, June 5, 2018

गज्जी भाई ने मुझे चोदा

हेलो दोस्तों, मैं रश्मि एक बार फिर से आप सबको अपनी चुदाई की कहानी बताने के लिए हाजिर हूँ. मेरी इस कहानी को पढ़कर आप लोगों की चूत और लन्ड से पानी जरूर निकलेगा. और अगर आपके साथ कोई लड़की – लड़का होगा तो आप खुद को चुदाई से नहीं रोक पाएंगे.

मेरी पिछली कहानी – पड़ोसी से बना रिश्ता- भाग 3

मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि मैंने अपने पड़ोसी के साथ खूब खुल कर चुदाई के मज़े लिए थे. अब आगे –

कुछ दिन पहले मार्केट से आते वक़्त मैंने स्कूटी से एक कार को टक्कर मारी तो बहुत गड़बड़ हो गई। तभी एक आदमी आया और उसने पुलिस और उस आदमी को बात करके रफा-दफा कर दिया।

इसके बाद वो मेरे पास आकर बोला- अभी तू जा, कुछ प्रॉब्लम होए.. तो बोल अपने को!
मैं- जी थैंक यू..
मैं राहत की सांस लेते हुए वहां से निकल गई।

दूसरे दिन मैंने खिड़की से देखा कि वही आदमी हमारी बिल्डिंग के नीचे था और आने-जाने वाले की फिरकी ले रहा था।
यूं ही कुछ दिन बीत गए।

एक दिन मैं मार्केट से आ रही थी तभी वो आदमी और कुछ लोग वहां थे। उसने मुझे देखा और आवाज दी।
‘ऐ सुन, इधर तो आ..!’
मुझे जरा ख़राब लगा, पर मैं गई।
‘जी?’
वो मेरे पास आकर बोला- कहाँ गई थी तू?
मैं- जी मार्केट।
उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और बोला- आ इधर हम लोग के साथ बैठ!
मैंने अपना हाथ छुड़ाया और कहा- तुम में जरा भी तमीज़ नहीं.. तूने मेरा हाथ कैसे पकड़ा..?? बदतमीज़ कहीं के..
इतना बोल कर मैं वहां से चली आई।

मुझे उसकी इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया। मैंने समर को भी उसके बारे में कहा।
तभी समर ने बताया- उसका नाम गज्जी भाई है.. और वो बहुत खतरनाक है।
मैं एक पल के लिए डर गई कि मैं उससे बदतमीजी कर आई।
समर ने कहा- प्लीज़ उस पर ध्यान मत दो.. और आगे से उसके सामने ही मत आना।

अब वो हर वक़्त मुझे घूरता रहता.. एक दिन मैं बस से मार्केट जा रही थी.. बस में भीड़ बहुत थी, मैं खड़ी थी।

तभी मुझे लगा कि मेरे पीछे कुछ है। मैंने मुड़ कर देखा तो गज्जी था और वो मेरी गांड पे हाथ फेर रहा था। मैंने गुस्से से उसका हाथ झटका और बस से उतरने लगी। वो भी मेरे पीछे पीछे उतरा।

जब मैं रोड क्रॉस कर रही थी। तब अचानक मेरा हाथ पकड़ कर वो मुझे घसीटते हुए एक कोने में ले गया और मुझे किस करने लगा। मैंने उससे छूटने की कोशिश की, पर नाकामयाब रही। फिर मैंने उसे एक जोरदार धक्का दिया और उसे थप्पड़ लगा दिया।

तब उसे गुस्सा आया और उसने मुझे भी एक थप्पड़ लगा दिया और बोला- अब तू खुद आएगी मेरे साथ सोने को।
ये धमकी देकर वो चला गया।

मुझे अब खुद से घिन आ रही थी। एक गुंडे ने मुझे छुआ, मेरे होंठों पे किस किया। यही सोचते हुए मैं दुखी मन से घर पहुँची।

पहले तो मैंने समर को ये सब बताना चाहा.. पर सोचा कि वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे?? इसलिए मैं चुप रही, पर मैं गलत थी।

कुछ दिन के बाद पुलिस मेरे घर पर आई और मेरे पति के बारे में पूछने लगी, मुझे कुछ समझ नहीं आया। फिर एक पुलिस वाले ने बताया कि आपके पति पर चोरी का आरोप है।

दोपहर को मुझे उनके ऑफिस से फ़ोन आया कि आपके पति को पुलिस पकड़ कर ले गई। मैं गड़बड़ी से पुलिस स्टेशन पहुँची तो देखा कि समर की हालात खराब थी.. उसे बहुत पीटा गया था।
मैंने थानेदार से पूछा तो उसने कहा- चोरी की है, पिटाई तो होगी ही.. ऊपर से कुछ बता नहीं रहा.. साला चोर!

मैं- लेकिन मेरे पति चोर नहीं हैं, आपको कोई गलतफहमी हुई है।
थानेदार- ऐ.. बहुत बोल ली तू चल निकल साली.. अपने पति से मिल और चलती बन।
मुझे धमकाता हुआ वो चला गया।

मैं समर के पास पहुँची, वो बहुत बुरी हालत में थे। मैंने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें झूठे इल्जाम में फंसाया गया है, असली चोर तो रघु है।

मैंने पति के जमानत के लिए भाग दौड़ की.. पर कुछ फायदा न हुआ।

अब क्या करूँ तब मैंने सोचा कि रघु से मिलूँ, तो मैं रघु से मिलने पहुँची।

रघु से मिली तो उसने बताया- मेरे हाथ में कुछ नहीं.. अब उसे कोई नहीं बचा सकता.. हाँ पर गज्जी भाई ने कुछ किया तो मैं समझ गई कि ये सब गज्जी का किया-धरा है।

मैं समर के पास पहुँची तो देखा समर तो और भी ज्यादा बुरे हालात में हैं।
अब मैं क्या करूँ??
मैंने गज्जी से मिलकर बात करने का सोचा।

मैंने उसके एक आदमी से पूछा तो वो बोला कि भाई अड्डे पे होंगे। मैं अड्डे पे पहुँची.. वहाँ पर सब मुझे घूर के देखने लगे, मैं डरते हुई अन्दर गई।

मैंने कोने की एक टेबल पर देखा कि गज्जी बैठा है।

मैं वहां गई और उससे बोला- आपसे बात करनी है।
गज्जी- क्या?
मैं- जरा बाहर चलकर बात करते हैं।
गज्जी- क्यों?? अच्छा ठीक है चल..
बाहर आकर उसने कहा- वो देख सामने मेरा गोदाम है.. वहाँ चलकर बात करते हैं।
मैं वहां चली गई.. गज्जी मेरे पीछे-पीछे आया और बोला- क्या हुआ??
मैं- वो मेरे पति को पुलिस ने पकड़ लिया है।
गज्जी- तो मैं क्या करूँ?
मैं- आप करेंगे तो कुछ होगा।
गज्जी- मैं कुछ नहीं कर सकता, चल निकल अभी इधर से।
मैं- प्लीज़ कुछ तो कीजिये.. वो लोग मेरे पति को बहुत मारते हैं।
गज्जी- मारने दे.. तूने मुझे थप्पड़ मारा था ना.. अब उसके बदले तेरा पति पिटेगा।
मैं- प्लीज़ ऐसा मत कीजिये।

पर वो ना माना..

अब मैंने बिना कुछ सोचे अपने साड़ी का पल्लू नीचे गिराया और कहा- मेरे साथ जो करना है कर लो.. पर उन्हें छोड़ दो।

मुझे ऐसे देख कर उसकी आँखों में चमक आ गई और वो आगे आया। वो अश्लील भाव से मुझे देखता हुआ मेरे स्तन से ले कर नाभि पर हाथ फेरने लगा।

मैं- जो करना है करो.. पर मेरे पति को छोड़ दो।
गज्जी- छोड़ तो दूंगा.. लेकिन तुझे रोज मेरे साथ सोना पड़ेगा। आज से तू अपनी रन्डी है क्या समझी?
मैं- प्लीज़ मेरे पति को छोड़ दो।
गज्जी- हाँ.. तू मेरा बिस्तर गरम कर.. उधर तेरा पति बाहर हो जाएगा।

उसने मुझे अपनी ओर खींचा और किस करने लगा, मैं भी न चाहते हुए उसका साथ दे रही थी।

फिर उसने मुझे छोड़ा और बोला- चल अपने कपड़े उतार।

मैंने अपनी साड़ी निकाली.. फिर अपने ब्लाउज के हुक खोले और सब निकाल के अलग कर दिया।

गज्जी ने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- अरे जल्दी निकाल साली हरामजादी।

मैंने झट से अपनी ब्रा, पेटीकोट और पैंटी निकाल दी और पूरी नंगी हो गई।

मुझे बहुत शर्म आ रही थी। वो उठा और उसने मेरी चूत को हाथ से सहलाया.. मैं सिहर उठी और मेरी ‘अहह..’ निकल गई।

वो खुश हुआ और मुझे अपनी गोद में उठा कर अन्दर ले गया।

वहां पड़े अनाज पर उसने मुझे फेंका और अब अपने कपड़े उतारने लगा। उसके काले बदन पर काले बाल और एक-एक कपड़े उतार कर वो पूरा नंगा हो गया। वो तो एकदम कोई जालिम मर्द लग रहा था उसका लंड बहुत मोटा और लम्बा था।

फिर वो मेरे ऊपर आया और मुझे किस करने लगा। धीरे-धीरे मेरे गले से होता हुआ वो मेरे स्तनों पर पहुँचा और मेरे गोले चूसने लगा। फिर अचानक उसने मेरे एक चूचे को काटा.. मुझे एकदम दर्द हुआ और मैं चिल्ला पड़ी, पर वो न रुका।

फिर उसने मेरी चूत को चाटा। अब तक मैं भी गरम हो चुकी थी, मैंने उसके सर को अपनी चुत पर दबा दिया। इस बार उसने मेरी चूत को काटा।

मैं- ओई माँ.. आह्ह्ह्ह प्लीज़.. काटो मत।
गज्जी- अभी तो बहुत दर्द बाकी है. चुपचाप पड़ी रह साली।

उसने फिर से मुझे काटना शुरू किया और फिर उसने मुझे अपना लौड़ा चूसने का बोला। मैंने पहले ना किया तो उसने मुझे थप्पड़ लगाया।

मैंने ना चाहते हुए लंड चूसना शुरू किया। उसने लगभग 5 मिनट तक लौड़ा चुसवाया और अब वो मुझे चोदने आया। उसने लंड मेरे चूत पर रखा और धक्का मारा.. पहले दर्द हुआ पर बाद में मैं भी मजा लेने लगी। मैं उसकी पीठ पर हाथ फ़ेर रही थी।

कुछ 15 मिनट के बाद वो मेरे अन्दर झड़ गया.. मेरे ऊपर ही पड़ा रहा और मुझे किस करता रहा।

मैं भी उसका साथ दे रही थी.. फिर वो अलग हुआ।

मैंने उससे पूछा- मेरे पति?
वो बोला- फ़िक्र न कर वो छूट जाएगा.. लेकिन तू अब मेरी है।
तब मैंने ‘हाँ’ कहा।

अब उसका लंड फिर से खड़ा हुआ तो उसने मेरी गांड में उंगली डाली, मैंने भी कुछ नहीं कहा।

उसने मेरी गांड मारना शुरू की.. मुझे शुरू में उसके मोटे लंड के कारण दर्द हुआ फिर मजा आने लगा।

दूसरे दिन उसने मुझे घर छोड़ा और बोला- कल आ जाना।
मैंने ‘हाँ’ कर दी।

फिर दोपहर को समर भी आ गए। अब गज्जी मुझे रोज चोदता है।

मुझे भी उसके लंड से मजा आता है।

मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मेल लिखिएगा।

Nehara401@gmail.com

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