Thursday, June 21, 2018

जवान लड़की की सील तोड़ी

वो लगातार चिल्लाती रही तो मैं रुक गया और फिर अपने होंठ हटा लिए तो वो बोली कि बहुत दर्द हो रहा है. मुझे छोड़ दो मुझे तेरे साथ कुछ नहीं करना. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चल गया और उसके मुँह से एक बार फिर जोरदार चीख निकल गई…

नमस्कार दोस्तों, मैं आपका अपना दोस्त अन्तर्वासना पर आप सभी का स्वागत करता हूँ. मेरी यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है. दोस्तों मेरा मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है और मैं सोनीपत का रहने वाला हूँ. मैं फिलहाल बी कॉम कर रहा हूँ और मेरी यह कहानी बिल्कुल सच्ची है. इसे पढ़कर आप अपने विचार जरूर प्रकट करें.

दोस्तों, मैं सोनीपत में रहकर दिल्ली पुलिस की कोचिंग कर रहा हूँ. हमारे कोचिंग सेंटर पर लड़कियां भी आती हैं. उनमें से एक लड़की मुझे बहुत अच्छी लगने लगी. जिसका नाम प्रियंका है. हर रोज हम क्लास में आते और जब मैं उसे देखता तो स्माइल पास कर देता. 1-2 दिन के बाद वह भी मेरी स्माइल का रिप्लाई देने लगी.

कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा. हमें क्लास करने दूर जाना होता था और वह हमारे घर के नजदीक ही रहती थी. एक दिन वह मुझे क्लास में मिली तो मैं बोला कि तू तो मेरे घर के पास से ही आती है तो मेरे साथ ही क्यों नहीं चली आती?

तो वह बोली कि चलो ठीक है, अब कल से साथ ही आते हैं. दोनों को कंपनी भी मिल जाएगी. मैं बोला कि तुझसे कॉन्टैक्ट कैसे करूँगा तो वह बोली कि मैं फ़ोन कर लूंगी. यह सुन कर मैं बोला कि फ़ोन किसके पास करेगी तो वो मज़ाक में बोली कि 100 नम्बर पर. तो मैं बोला कि अपना नम्बर दे दो तो उसने दे दिया.

उस दिन के बाद हमारी बातें होने लगी. एक दिन मैं बोला कि यार तुमसे मिलना था तो उसने मना कर दिया. फिर कुछ दिन बीत गए तो मैंने उससे बात करनी कम कर दी. जिससे वह समझ गयी. तो एक दिन मैं सुबह – सुबह ग्राउंड में फिजिकल की तैयारी के लिए गया हुआ था तो वहां पर उसका मैसेज आया कि पंकज अगर बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं.

मैं बोला – हां, बोलो.

तो वो बोली – आज रूम पर चलें क्या?

सच बोलूं तो यह सुन कर मेरे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैं बोला – ठीक है, मिलते हैं. फिर मैंने उसे कॉल किया और सारी बात समझा दी. अगले सुबह 9 बजे हम दोनों तैयार होकर घर से निकल गए.

हम अलग – अलग रास्ते होते हुए सोनीपत के ककरोई चौक पर मिले. उसके मिलने से पहले मैंने होटल निजार में एक कमरा बुक करवा लिया था. फिर हम दोनों होटल गए और होटल मैंने होटल में पैसे दिए, जिसके बाद हमें एक कमरा दिया गया. जब हम कमरे में गए तो मैंने उसको बोला कि मुझे सब कुछ देखना हैं तो वो शर्मा गयी.

फिर मैंने पहले अपने और फिर उसके सारे कपड़े निकाल दिए. अब फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर जोर – जोर से किस करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. तब तक मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दिया और अंदर – बाहर करने लगा.

अब उसके मुंह से सिसकिरियां निकल रही थी पर सारी की सारी मेरे मुंह तक ही सीमित थीं. अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना लंड कच्छे से बाहर निकाला. जिसे देख कर वो डर गयी. क्योंकि मेरी हाइट की तरह ही मेरा लंड भी बड़ा था. दोस्तों, मेरी हाइट 6 फुट और 2 इंच है और शरीर हट्टा – कट्टा है. मेरे लन्ड का साइज 8 इंच है.

फिर जब मैं अपने लन्ड का टोपा उसकी चूत के मुंह पर रखने लगा तो मैंने देखा कि उसकी चूत एक बच्ची की तरह छोटी थी. यह देख मेरे भी मन में आया कि यार इतना बड़ा इसमें कैसे जाएगा? फिर मैंने थोड़ा थूक उसकी चूत और थोड़ा अपने लन्ड पर लगाया और हल्के से ध्क्का लगा दिया, लेकिन मेरा लन्ड अन्दर नहीं गया.

फिर मैंने थोड़ा और जोर से ध्क्का लगाया तो मेरा लन्ड उसकी चूत की दीवारों को फाड़ता हुआ थोड़ा सा अंदर चला गया. इतने में उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई. जिससे मैं थोड़ा डर गया और मैंने झट से अपना लन्ड चूत से बाहर निकाल लिया और अपने फोन की टॉर्च ऑन करके देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था.

अब वो बोली कि क्या हुआ? तो मैं बोला कि कुछ नहीं हुआ. तुझे ऐसे ही दर्द हुआ होगा. फिर मैंने लन्ड पर थोड़ा और थूक लगाया और चूत पर रख कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा आधा लन्ड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख मेरे मुंह में ही दब कर रह गयी.

वो लगातार चिल्लाती रही तो मैं रुक गया और फिर अपने होंठ हटा लिए तो वो बोली कि बहुत दर्द हो रहा है. मुझे छोड़ दो मुझे तेरे साथ कुछ नहीं करना. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में चल गया और उसके मुँह से एक बार फिर जोरदार चीख निकल गई.

लेकिन फिर मैं कहाँ रुकने वाला था. अब मैं लगातार अपनी कमर को आगे – पीछे करने लगा. 2-3 मिनट तक मैं ऐसे ही लगा रहा तो इसी बीच मेरा छूट गया तो मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया और देखा तो वो तब भी रो ही रही थी.

फिर मैंने उसे किस किया और चुप करा कर समझाया कि पहली बार ऐसा ही होता है. फिर 10-15 मिनट समझाने के बाद वह चुप हो गयी. इसके बाद मैंने दोबारा से अपना लन्ड उसकी चूत पर रखा और आधे से ज्यादा उसकी चूत में डाल कर आगे – पीछे करने लगा.

अबकी बार वह भी मेरा साथ दे रही थी और करीब 15 मिनट के बाद मैं फिर से झड़ चुका था. इन 15 मिनटों में अब तक वो भी 2 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद मैंने आराम से उसकी चूत में लंड सेट करके उसकी चूची दबाई, किस किया और आराम से अपनी कमर आगे – पीछे करता रहा.

उस दिन मैंने उसके साथ 4 बार सेक्स किया, क्योंकि हमारे होटल के कमरे का टाइम सिर्फ 2 घण्टे का था. इतनी देर में ही एक होटल के वर्कर ने गेट नॉक किया और बोला कि भाई टाइम हो गया तो मैं बोला कि ठीक है, 15 मिनट में आ रहे हैं.

इतना कह कर हमने बाथरूम में जाकर साथ में सफाई की और बाहर कमरे में आकर कपड़े पहने और फिर कमरे से बाहर आ गए. बाहर आकर मैंने होटल से अपनी आईडी ली और चले गए. फिर हमने बाहर ही खाना खाया और अपने – अपने घर चले गए.

तो दोस्तों, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करके अपने विचार जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – pankajjaji@gmail.com

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