Tuesday, July 31, 2018

जिगोलो बनाने के बाद मेरी पहली क्लाइंट

अब वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा. 10 मिनट बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और मैंने उसकी चूत का पूरा पानी पी लिया. कुछ देर बाद मेरा भी पानी निकल गया था. उसने भी मेरा पूरा पानी पी लिया… हेलो फ्रेंड, मेरा नाम गौरव है और मैं …

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Monday, July 30, 2018

कॉलेज में पहले दिन मिली गर्लफ्रेंड की चुदाई

फिर मैं जोर – जोर से एक हाथ से उसके बूब्स दबाता रहा और मुंह से बूब्स काटता रहा. वो ‘आह आह’ करती रही.
फिर मैंने उसके टॉप उतार दिए और बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही पीने लगा. वो अपने हाथों से बालों के ऊपर सहलाती रही और दबाती रही…

हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम आर्यन है और मैं 26 साल का हूँ. यह तब की बात है, जब मैं गाज़ियाबाद के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था.

दोस्तों, मैं अन्तर्वासना को तब से पढ़ता हूँ, जब मैं 10वीं क्लास में था और मैं बिना गैप के आज भी इसकी सारी कहानियों को पढ़ता हूँ.

अब कहानी पर आते हैं. मेरे क्लास में एक लड़की पढ़ती थी, उसका नाम आकृति था. मैंने उसको पहली बार कॉलेज में एडिमिशन के वक्त देखा था. उस समय वो अपने पैरेंट के साथ एडमिशन कराने के लिए आयी थी.

उसको देख कर तभी से मैं उस पर फिदा हो गया था. उसकी आँखें बहुत ही खूबसूरत थीं. वो किसी को भी घायल क़र सकने में पूरी तरह सक्षम थीं. उसका साइज 32-30-34 का रहा होगा.

उस दिन मैं उसको बार – बार देखे जा रहा था. ये बात जब उसने भी नोटिस किया तो उसने पलट कर मुझे देखा. उसे अपनी तरफ देखते देख कर मैं दूसरी तरफ देखने लगा. फिर दोबारा जब उसने देखा तो मैं भी देखता रहा. इस बार मैंने स्माइल पास क़र दी तो उसने भी रिप्लाई में स्माइल कर दिया.

फिर एडमिशन फॉर्म भर के मैंने जमा क़र दिया, लेकिन उसको कुछ प्रॉब्लम आ रही थी तो उसने मुझसे हेल्प मांगी. इस पर मैंने उसको बता दिया. फिर उसने नाम अपना बताया. हमारे बीच ऐसे ही कुछ बातें हुईं और फिर मैंने उसका नंबर मांग लिया. इस पर उसने एक स्माइल के साथ अपना नंबर दे दिया.

हमारी क्लास कुछ दिन बाद स्टार्ट होने वाली थी तो मैं अपने घर वाराणसी के लिए निकल गया. रात को ट्रेन में मैंने व्हाट्सऐप पर उसको ऑनलाइन देखा तो मैंने उसको मेसेज कर दिया. कुछ देर बाद उधर से रिप्लाई आया ‘कौन?’

इस पर मैंने लिखा कि आपको जानने वाला. इस पर उधर से कोई रिप्लाई नहीं आया तो फिर मैंने बताया किसी को अपने नंबर दिया था, याद है? तो उसने कहा, “ओह, तुम हो. तुम्हारा तो नंबर मैंने सेव ही नहीं किया था.”

फिर हमारे बीच बात होती रही. अब उसने अपने बारे में बताया कि वो लखनऊ की रहने वाली है. उसके पिता एक गवर्नमेंट जॉब करते हैं और माँ हाउस वाइफ हैं. उसका एक छोटा भाई है, जो सातवीं में पढ़ता है. उसको डांस बहुत पसंद है और मैं अरिजीत सिंह के गानों की बहुत बड़ी फैन हूँ.

फिर रात हो गयी तो मैंने पूछा सोना नहीं है क्या आज? तो उसने बताया की वो ट्रेन में है. जब मैंने पूछा तो उसने वही ट्रेन बताई, जिस ट्रेन से मैं जा रहा था. दोस्तों, वह ट्रेन लखनऊ होकर जाती थी इसलिए वह भी उसी में बैठी थी.

यह सुन कर मैंने उसको बताया कि मैं भी उसी ट्रेन हूँ. फि जब ट्रेन लखनऊ में रुकी तो मैं भी उसको देखने के लिए उतर गया और वो जिस बोगी में थी वहां गया. लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो देखा कि वो पहले ही उतार चुकी थी और अपने पिता के साथ जा रही थी.

फिर मैंने उसको कॉल किया तो वो इधर – उधर देखने लगी. जब मैं नहीं दिखा तो उसने कॉल रिसीव किया और मैं जिस जगह पर था, उसको वहां देखने को कहा. इस पर उसने पलट कर मेरी तरफ देखा तो मैंने आँख मार दी और उसने मारने के लिए हाथ दिखाया और स्माइल पास दी.

फिर इसी तरह हमारे बीच बात होती रही. कुछ दिन बाद क्लास स्टार्ट हो गयी और मैं गाज़ियाबाद पहुंच गया लेकिन वो कुछ दिन तक क्लास नहीं आयी. जब मैंने उसको फोन किया तो उसने कहा कि वो कुछ दिन घर रुक क़र आएगी.

अब मेरा क्लास में मन नहीं लगता था. मैं क्लास की और किसी भी लड़की से बात नहीं करता था. दोस्त मैंने बना लिए थे तो मन लगा रहता था. फिर एक वीक के बाद वो आयी तो मैं उसको देखता ही रह गया. वो पहली बार से ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसके बूब्स कुछ ज्यादा ही आकर्षित क़र रहे थे.

एडमिशन के टाइम उसके पिता साथ थे. शायद इसलिए उसने कपड़े सिंपल पहने रखे थे लेकिन आज तो वो कमाल लग रही थी. उसने मुझे देखा और हम दोनों ने स्माइल पास कर दी. फिर ब्रेक में मेरे फ्रेंड जबरदस्ती मुझे बाहर ले गए लेकिन मैं तुरंत ही वहां से बहाना कर के चला आया. जब मैं वापस आया तो वो लड़कियों के साथ मुझे बाहर ही मिल गयी.

उसे देख कर मैं वहीं रुक गया. फिर वो मेरे पास आयी. अब हम दोनों साथ में बात करते हुए क्लास की तरफ चलने लगे. जब मैं उसके साथ क्लास में आया तो सब के सब हम दोनों को देखने लगे क्योंकि मैं किसी लड़की से बात नहीं करता था और अचानक हाथ में हाथ डालकर आ रहा था. इसलिए सभी को थोड़ा आश्चर्य हुआ.

दिन इसी तरह कटता रहा और हम अब साथ आते और साथ ही जाते थे. सब हम लोग हमें कपल समझ थे. एक दिन मैंने उसको प्रोपोज़ क़र दिया लेकिन उसने माना क़र दिया दिया.

अब मैं उससे बात करना बात करना बंद क़र दिया. यह देख सब लोग समझते कि इन दोनों का ब्रेकअप हो गया है. अब वो भी मुझे देख क़र अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लेती और दूसरे लड़कों के साथ बात करती और सबके साथ घूमती थी. इधर मैं भी कटा सा रहने लगा. मेरे दोस्त मुझसे कहते, “अबे एक जाएगी नहीं तो दूसरी कैसी आएगी, भूल जा उसे.”

लेकिन मैं उसको प्यार करता था, कैसे भूल जाता? मुझे पता था कि कहीं ना कहीं वो भी मुझे प्यार करती है.
कुछ दिन के बाद मेरी तबियत ख़राब हो गई तो मैं एक हफ्ते तक क्लास नहीं गया. मुझे कॉलेज में न पाकर उसने पता किया कि मैं क्यों नहीं आ रहा हूँ. फिर अगले दिन वो क्लास टाइम में मेरे फ्लैट पर आयी. मैं उस दिन तक ठीक हो चुका था, लेकिन कमजोरी थी.

जब उसने डोर बेल बजाई तो मैंने गेट खोला. जब मैंने उसे देखा तो मैंने तुरन्त गेट बंद क़र दिया. उसने फिर डोर बेल बजायी. मैंने गेट खोला तो उसने मेरे नाम पुकारा. मैं कुछ नहीं बोला और बस देखता रहा. फिर जब उसने दुबारा मेरा नाम पुकारा तो मैंने कहा कि क्यों आयी हो यहां? तो वो मेरे गले लग गयी और बोली, “मुझे माफ़ क़र दो आर्यन!”

मैं अपने आप को छुड़ा क़र अन्दर आ गया. तो वो फिर मेरे पीछे से लिपट गयी और रोने लगी. वो बोली, “आर्यन मुझसे कुछ तो बोलो? मुझे मार लो पर यूं कुछ ना बोल क़र मुझे जीते जी मत मारो!”

मैंने कहा, “मार तो तुमने दिया मुझे, अब तुम जाओ मेरी जिंदगी से.” इस पर उसने कहा कि मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगी. प्लीज मेरी बात सुनो.” इस पर मैंने कहा कि जब तुमने मेरी बात नहीं सुनी तो मैं क्यों सुनूं?” उसने कहा, “बस एक बार मेरी बात सुन लो फिर मैं चली जाऊंगी.”

फिर उसने बताया कि उसका पहले एक बॉयफ्रेंड था, जिसने उसको चीट किया था. इसलिए मैंने तुमको मना क़र दिया था और फिर तुमसे बात बंद क़र दी क्योंकि मैं दुबारा धोखा नहीं खाना चाहती थी. जबकि मैं तुमको पसंद करती हूँ. मैंने इसलिए तुमसे दूरी बनाई कि तुम दूसरे लड़कियों के साथ जाओगे तो मैं तुम्हें भूल जाऊंगी और यदि तुम मेरा वेट करोगे तो तुम चीट नहीं करोगे.

इस पर मैंने कहा, “और मेरा क्या जो मैंने तुम्हारे बिना काटा? तुम्हारी याद में कितनी रातें नही सोया.” तो वो बोली कि मैं भी नहीं सो पाती थी. जब तुमको दिखाने के लिए मैं दूसरे लड़कों के साथ फ़्लर्ट करती थी और तुमको जलती हुई देखती थी तो मेरे आंखों से नींद दूर भाग जाती थी.

फिर आकृति मेरे पास आ गयी. हम लोग एक – दूसरे को देखते रहे. फिर उसने मुझे गालों पर किया किस किया और फिर मैंने उसको बाहों में ले क़र उसके होंठों पर किस किया.

क्या होंठ थे उसके! 10 मिनट तक हम लोग किस करते रहे. फिर मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया. उसने कुछ नहीं कहा और मैं उसको दबाता रहा. वो मदहोश सी होती रही. मैं उसके होंठों से होते हुए उसके गले और फिर बूब्स पर किस करने लगा.

फिर मैं जोर – जोर से एक हाथ से उसके बूब्स दबाता रहा और मुंह से बूब्स काटता रहा. वो ‘आह आह’ करती रही.
फिर मैंने उसके टॉप उतार दिए और बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही पीने लगा. वो अपने हाथों से बालों के ऊपर सहलाती रही और दबाती रही.

मेरे हाथ उसके चूचे पर थे. फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और उसके बूब्स को पीता और काटता रहा. वो सिसकारियां लेती रही. जब वो पूरी तरह से गर्म हो गयी
तब मैंने उसके चूत पर हाथ रखा तो देखा कि वहाँ से पहले ही पानी निकल रहा था.

वो अब और तेज सिसकारियां लेने लगी थी. फिर मैं भी पूरा नंगा हो गया और मैंने उसके हाथ में अपना लण्ड दे दिया. लेकिन उसने अपना हाथ हटा लिया. मैंने उसके हाथ पर फिर से लन्ड रखा. इस बार उसने नहीं हटाया और हिलने लगी. दोस्तों, मैं उस वक्त बता नहीं सकता क्या महसूस क़र रहा था!

फिर मैंने उसका पूरा नंगा क़र दिया और उसकी चूत चाटने लगा। कुछ देर तक उसकी पूरी चूत चाटने के बाद मैं खड़ा हुआ और मैंने उसको लण्ड चाटने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया. इस पर मैंने भी ज़िद नहीं की क्योंकि सेक्स में अगर कुछ करने का दिल न करे तो मज़ा नहीं आता है.

अब उसने कहा – प्लीज, अब मत तड़पाओ, अपने लण्ड को अंदर डालो.

यह सुनते ही मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड डाला और धक्के लगाने लगा. हम दोनों सोफे पर ही चालू हो गए थे कमरे में एसी चल रहा था लेकिन दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे. पूरा कमरा ‘ऊह आह..’ की आवाज़ से गूँज रहा था.

कुछ मिनट के बाद उसका बदन अकड़ने लगा और वो झड़ गई. अब मेरा भी निकलने वाला था तो उसने कहा कि अन्दर मत निकालना. जैसे ही मेरा निकलने वाला हुआ, मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसके ऊपर झड़ गया.

फिर हम दोनों सो गए. जब उठे तो देखा कॉलेज ऑफ होने का टाइम हो गया था. अब मैंने उसका किस करके उठाया. फिर वो चली गयी. इसके बाद हम दोनों 3 साल तक साथ में रहे और जब तक रहे मस्ती खूब की. अब उसकी शादी हो गयी है और मैं नोएडा में जॉब करता हूँ.

आपको मेरे यह स्टोरी कैसी लगी? मुझे मेल करके बताएगा जरूर. मेरी मेल आईडी – aaryansingh2018@gmail.com

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Sunday, July 29, 2018

Saturday, July 28, 2018

पति नहीं करता था प्यार तो मैडम ने घर बुलाकर चुदवाया

मैंने भी एक हाथ से उसके गुलाबी चूत में ऊँगली अन्दर – बाहर कर रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स दबाते जा रहा था. वो बड़े प्यार से मेरे लंड के साथ खेल रही थी. फिर अचानक डोर पर बेल बजी और हम दोनों डर गए…

हेलो दोस्तों, आज मैं आप को जो चुदाई की स्टोरी बताने जा रहा हूँ, वो एक महीने पहले की है. दोस्तों, मैं एक एमएनसी कंपनी में जॉब करता हूँ. मेरे साथ एक मैडम भी काम करती हैं. मेरी उस मैडम का नाम स्नेहा है.

वो दिखने में बहुत गोरी और सेक्सी हैं और उनका फिगर 30-28-36 का है. दोस्तों, वह एक दम कड़क माल हैं. मेरा तो मन करता था कि बस अभी खा जाऊं उसको. वो मेरी प्रोजेक्ट इंचार्ज थी. धीरे – धीरे जैसे हमारी बातचीत शुरू हुई, वैसे – वैसे वो मेरे से बहुत फ्रेंडली हो गयी.

बातचीत से मुझे पता चला कि वो एक शादी- शुदा औरत है और उसकी शादी को 2 साल हो चुके हैं. दोस्तों, स्नेहा मैडम की एक बहुत क्लोज फ्रेंड थी, जिसके साथ वो अपनी सारी प्रॉब्लम शेयर करती थी. उसका नाम कविता था और उसकी भी शादी हो गयी थी.

कविता भी बहुत गोरी थी और मैंने उसे गार्डन में एक ऑफिसर एक साथ किस करते हुए देखा था तो वो मुझ से डर कर बात करती थी. लेकिन मैंने उससे कहा कि बिंदास बात किया कर और जो तुझे करना है वो कर. मैं किसी को तेरे बारे में कुछ भी नहीं बताऊंगा. क्यूंकि मुझे किसी कि ज़िन्दगी बर्बाद करना अच्छा नहीं लगता. फिर वो मेरे से खुल गई थी.

एक दिन जब मैं, स्नेहा मैम से प्रोजेक्ट के बारे में डिस्कशन कर रहा था तो मैडम को फ़ोन आया. उन्होंने फ़ोन उठाया और वो परेशान हो गयी. उन्हें गुस्सा आ गया था. यह देख कर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मैम? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं.

अब मैंने फिर से वही सवाल लगभग 3-4 बार पूछा तो वो मेरे पर भड़क गयी और बोली, “तुम अपना काम करो. यह मेरी पर्सनल प्रॉब्लम है तो मुझे मत सताओ.” फिर मैंने उनसे सॉरी कहा और वहां से चला आया. हमारे बीच की यह सब बातें उनकी बेस्ट फ्रेंड कविता ने सुन ली और फिर कविता ने उनसे कहा कि स्नेहा, तू उस बेचारे पर क्यों भड़क गयी इतना? उसने क्या किया है?

इस पर मैडम ने उसको बताया कि मेरे पति का कॉल था और मेरा उनसे बहुत झगड़ा हो गया क्यूंकि वो मुझ से कभी प्यार नहीं करते, न फ़ोन पर प्यार की बात करते है, उन्हें तो जब भी देखो जॉब की पड़ी रहती है. तो मैं बहुत गुस्सा थी और ऐसे में मैं स्मिथ को क्या बताती?

इस पर कविता ने कहा कि स्मिथ ऑफिस का एक अच्छा लड़का है. उसके साथ तू अपनी सारी प्रॉब्लम शेयर कर सकती है. मुझे उस पर पूरा विश्वास है. अगले दिन हमारा प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन सक्सेस फुल हो गया. इस कारण मैम बहुत खुश हो गयी और उसके बाद उन्होंने मुझे बुला कर सारी बात बता दी. उसे सुन कर मैं भी बहुत खुश हुआ और मैंने उनसे कहा कि आप चाहो तो मैं आपकी हेल्प कर सकता हूँ. वो भी जैसे आप कहें वैसे!

फिर उन्होंने कहा कि ठीक है, कल दोपहर को मेरे घर आ जाना, मेरे पति की ड्यूटी दोपहर की है. अब मैं मैडम के कहने पर अगले दिन उनके घर चला गया. वो नाईटी पहन कर मेरा इन्तजार कर रही थी. जैसे ही मैं उनके घर पंहुचा, वैसे ही मैम ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और कहा कि देख मुझे तूझ पर विश्वास है इसलिए मैंने पहली बार किसी पराये मर्द से नाजायज़ रिश्ता रखा है.

यह सुन कर मैंने उसे विश्वास दिलाते हुए कहा कि देखो मेरी प्यारी मैम, आपको टेंशन लेने कि कोई ज़रूरत नहीं है. आप जैसे चाहो जब भी चाहो उस वक़्त मैं आपकी सेवा में हाज़िर हूँ. कोई ज़बरदस्ती नहीं है और 100 प्रतिशत सुरक्षा और सेफ्टी के साथ.

फिर हम बहुत जोर – जोर से किस करते रहे. अब मैम सिसकारियां भी ले रही थी. सिसकारियां सुन कर मैं और जोश में आ गया और तेजी से किस करना शुरू कर दिया. साथ में मैं उनके बूब्स भी दबा रहा था. बूब्स दबाते हुए लग रहा था कि जैसे मेरा हाथ किसी स्प्रिंग के पर ऊपर – नीचे हो रहा है.

फिर धीरे – धीरे मैंने मैम की नाईटी खोल दी. अब वो सिर्फ पिंक कलर की ब्रा और पेंटी में थी. दोस्तों, वो क्या कमाल की लग रही थी! मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मैं गुलाब के बगीचे में गुलाब शरबत पी रहा हूँ. फिर उसने मेरे कपड़े निकाले और मेरा लंड पकड़ कर कहा, “यह तो मेरे पति के लन्ड से भी बड़ा है.” अब वो मेरे लंड से खेलने लगी थीं.

मैंने भी एक हाथ से उसके गुलाबी चूत में ऊँगली अन्दर – बाहर कर रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स दबाते जा रहा था. वो बड़े प्यार से मेरे लंड के साथ खेल रही थी. फिर अचानक डोर पर बेल बजी और हम दोनों डर गए.

अब हमने हिम्मत कर के कपड़े पहने और नार्मल हो गए. मैं सोफे पर बैठ गया और अपने बैग से कुछ ऑफिस की फाइल्स निकली और पढ़ने का नाटक करने लगा. फिर स्नेहा मैम ने दरवाजा खोला तो सामने उनके पति खड़े थे.

उन्हें देख कर वो थोड़ी डर गयी, लेकिन दोस्तों, सिचुएशन हैंडल करने में वो एक दम एक्सपर्ट थी. फिर उन्होंने अपने पति से मेरा इंट्रोडक्शन कराया और कहा कि यह स्मिथ मेरे ऑफिस के ग्रुप मेम्बर है और यहां प्रोजेक्ट के काम से आया है.

मैंने भी उनके पति को नमस्ते कहा और फिर मैंने मैम से कहा कि चलो, अभी मैं निकलता हूँ मैम, आप तो बिजी होंगी. कल सुबह में ऑफिस में बात करते है. ऐसा मैंने कहा ताकि उनके पति को कुछ भी शक न हो. लेकिन तभी उनके पति ने कहा कि नहीं नहीं, मैं तो ऑफिस जा रहा हूँ. आप लोग अपना काम जारी रखिये.

यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और फिर थोड़ी देर में वो चले गए. थोड़ी देर बाद मैम के के रिलेटिव का फ़ोन आया. उनके वो रिलेटिव आने वाले थे तो मैम ने मुझसे कहा, “प्लीज स्मिथ आज नहीं, हम फिर कभी चुदाई करेंगे.” तो मैंने भी ज़बरदस्ती न करते हुए उनको एक किस और थोड़ी देर बूब्स दबा के वापस चला गया.

दो दिन बाद फिर मैम का फ़ोन आया और उन्होंने फिर मुझे घर बुलाया. यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और मार्किट से कंडोम और थोड़ी बहुत ड्रिंक्स, खाने का सामान लेकर उनके घर चला गया. उनकी बिल्डिंग वाले मुझे देख रहे थे.

यह देख मैंने जान बूझ कर एक आदमी से मैम का एड्रेस पूछा और कहा कि मैं उनके ऑफिस का मेम्बर हूँ और ऑफिस के काम से आया हूँ. मैंने कहा कि मैं एक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर हूँ और अगर आपको भी कोई जानकारी चाहिए तो मैं बता सकता हूँ.

उन्होंने कहा, “नहीं इतना ही ठीक है. फिर उन्होंने मैम का एड्रेस बताया और मैं मैम के पास चला गया. दोस्तों, मैंने यह सब इसलिए किया, क्यूंकि हर एक लड़की की ज़िन्दगी में इज्ज़त बहुत मायने रखती है और ऐसा करने से किसी को कुछ शक भी नहीं हुआ और मेरा काम भी हो गया.

फिर मैं मैम के घर जाकर उनको बेडरूम तक गोद में उठा के ले गया. उन्होंने रेड कलर की साड़ी पहन रखी थी और फिर मैंने उनको पूरा नंगा किया और उन्होंने मेरे को पूरा नंगा कर दिया. मैंने देखा कि मैम की चूत तो बहुत चमक रही थी और उनके बूब्स भी तन गए थे.

यह सब देख कर मेरा लंड तनतना कर खड़ा हो गया. फिर मैं धीरे – धीरे उनको किस करने लगा और इस दौरान मैं उनके बूब्स भी मसलने लगा. अब वो मेरा लंड चाटने लगी थी. लन्ड चटाई से मैं तो जैसे ज़न्नत में पहुंच गया था.

फिर मैंने धीरे – धीरे उनको हर एक स्टाइल में खूब चोदा और अगले 2 दिन की चुदाई की. इन दो दिनों की चुदाई में ही वो बहुत ज्यादा खुश थी. फिर हम रोज ऑफिस में एक्स्ट्रा टाइम तक रुकते और सबके जाने का इंतज़ार करते. सबके जाने के बाद मैम और मैं ऑफिस के टॉयलेट में बहुत चुदाई करते थे. अब तो हमारा रोज का नियम ही बन गया था. उम्मीद है आप सब को कहानी पसंद आई होगी.

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Friday, July 27, 2018

घर बुलाकर उसने मेरी गांड मार ली

उसके बाद उसने मुझे रजाई में खींच लिया और हमारे बीच चुम्मा चाटी शुरू हो गयी. पहले तो मझे अजीब लगा लेकिन बाद में अच्छा लगने लगा. अब मैं भी उसका साथ देने लगी. हमने लगभग 10 मिनट तक किस किया. फिर वो मेरे स्तनों को दबाने लगा. मेरे स्तन किसी 13 साल की लड़की के जैसे थे. जिसे दबाने और चूसने में बहुत मजा आता है…

हेलो दोस्तों, मैं एक क्रॉस ड्रेस हूँ. दोस्तों, मेरा नाम वैसे तो दीपक हैं लेकिन मुझे दीपिका सुनना अच्छा लगता है. मैं दिल्ली से हूँ और मेरी उम्र 20 वर्ष है. मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ.

मेरी शरीर की बनावट कुछ – कुछ लड़कियों जैसी ही हैं और मेरे स्तन तो बिलकुल लड़कियों के जैसे ही है. फेसबुक पर मैंने लड़की के नाम से एक प्रोफ़ाइल भी बनाई हुई है. मुझे लड़कियों के कपड़े पहनना और उनकी तरह सजना बहुत अच्छा लगता है. फेसबुक पर मैं लड़कों से चैट भी करती हूँ.

बात पिछले साल दिसम्बर की है. रोज़ की तरह मैं फ़ेसबुक पर चैटिंग कर रही थी तभी मुझे एक लड़के की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. मैंने उसे एक्सेप्ट कर ली. उसका नाम अनुज था. फिर उससे भी चैटिंग शुरू हो गई. उसने बताया वो यहीं पास में नोएडा का रहने वाला है और यहाँ अकेले रहता है.

अब हमारे बीच लगभग रोज ही बातें होने लगीं. हमारे बीच फिर धीरे – धीरे हर तरह की बातें होने लगीं. अब सेक्स पर भी बात करने लगे थे. बातों – बातों में उसने बताया कि उसे क्रॉस ड्रेसर के साथ संभोग करने में मजा आता है और वो मुझसे मिलना चाहता है.

मैंने कहा कि मेरे पास विग और मेकअप नहीं हैं तो उसने कहा कि मैं खरीद लूंगा. मुझे लगा कि ऐसे ही मजाक कर रहा होगा लेकिन दोस्तों, कुछ दिनों के बाद उसने मुझे ऑर्डर की फ़ोटो के साथ मेसेज किया.

मैं तो देख के दंग रह गयी कि उसने मेरे लिए इतना कुछ ऑडर किया है. उसने विग मेकअप ड्रेसेस सब ऑर्डर किया हुआ था. अब जब उसने मेरे लिए इतना कुछ किया तो मेरा जाना तो बनता था.

मैं अगले रविवार को ही उसके घर के लिए निकल पड़ी. नोएडा सिटी सेंटर पहुँचने के बाद मैंने उसे फ़ोन किया. करीब 5 मिनट बाद वो एक कार से मुझे लेने आया. उसकी कार में बैठ कर 5 मिनट में हम उसके घर पहुँच गए. उसका घर एक सोसाइटी में था. फिर हम उसके कमरे में गए. कमरा ठीक – ठाक था. वहां कोई परेशान करने वाला नहीं था.

अब हम दोनों कमरे में थे. मैंने पहले नहाया फिर रेडी होने लगी. तब तक वो बाहर गया और कंडोम के साथ कुछ और सामान ले आया.

अब मैं रेडी थी. मैंने स्टॉकिंग, ब्रा, पेंटी, लेग्गिंग, टॉप और विग पहना हुआ था. शीशे में खुद को देख कर मैं बहुत खुश थी. मैं बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने सेंट लगाया, तभी उसका फ़ोन आया और उसने कहा कि आ जाऊं? तो मैंने कहा कि आ जाओ.

वो अन्दर आ गया. और आते ही मुझे देख कर बोला, “कमाल लग रही हो जान!” मैं बोली, “तुम्हारी लिए ही तो है सब कुछ.”

उसके बाद उसने मुझे रजाई में खींच लिया और हमारे बीच चुम्मा चाटी शुरू हो गयी. पहले तो मझे अजीब लगा लेकिन बाद में अच्छा लगने लगा. अब मैं भी उसका साथ देने लगी. हमने लगभग 10 मिनट तक किस किया. फिर वो मेरे स्तनों को दबाने लगा. मेरे स्तन किसी 13 साल की लड़की के जैसे थे. जिसे दबाने और चूसने में बहुत मजा आता है.

अनुज बोला – तुम्हारे स्तन तो काफी अच्छे हैं मेरी जान!

मैं बोली – आज ये सब तुम्हारे लिए ही हैं. चूस लो इन्हें खा जाओ.

अनुज ने कहा – हां, मेरी जान तुम बहुत खूबसूरत हो. बिलकुल लड़कियों के जैसी चिकनी बॉडी है तुम्हारी, उम्म्ह्ह्ह्ह्ह!

अब वो मेरे शरीर को चाटने लगा. जिससे मैं पागलों की तरह कराह रही थी और मेरे मुंह से ‘उम्मम्मम अह्ह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह मुअह्ह’ की आवाज निकल रही थी. फिर मैं बोली, “छोड़ना मत, आज मेरे एक भी अंग को चाट – चाट के गीला कर दो.”

अब अनुज बोला – हां मेरी जान, आज तेरी जवानी का पूरा रस पियूँगा और तुझे भी पिलाऊंगा.

फिर उसने अपने लंड को मेरे मुंह में दे दिया. उसका लंड 7 इंच का था. अब मैं अब उसके लंड को मजे से चूसने लगी. मेरे मुंह से ‘गूं गूं’ की आवाजें आ रही थीं. मैंने उसका लंड खूब मजे से चूसा. करीब 10 मिनट उसका लंड चूसने के बाद वो मेरे मुंह में ही झड़ गया और कुछ देर ऐसे ही मैं उसके ऊपर पड़ी रही.

कुछ देर बाद वो फिर से जोश में आ गया. इस बार वो मेरी गांड चोदना चाहता था लेकिन मैंने मना कर दिया. मैं कुंवारी थी और गांड चुदाई से डर लगता था. लेकिन वो नहीं माना और मुझे चुदाई के लिए राजी कर लिया. अब मुझे उल्टा करके मेरी गांड खोल दी.

अब उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और लन्ड पर कंडोम चढ़ा लिया. इसके बाद उसने लन्ड को गांड के छेद पर रख कर हल्का सा धक्का लगाया. उसके लन्ड का सुपाड़ा मेरी गांड में घुस चुका था. मुझे काफी दर्द हुआ लेकिन मैं सह गई.

तभी उसने दूसरा धक्का लगाकर मेरी गांड में अपना आधा लन्ड उतार दिया था. दर्द के मारे मेरे मुंह से चीख निकल गई. अब वो थोड़ी देर के लिए रुक गया था और मेरी चूचियाँ दबाने लगा और हल्के – हल्के लन्ड को हरकत देने लगा. अब मुझे भी मज़ा आने लगा था.

तभी उसने तेल की सीसी उठाई और साइड से मेरी गांड में तेल डाल दिया. तेल मेरी गांड के अंदर तक चला गया. फिर उसने हल्का सा दबाव बनाया और उसका पूरा लन्ड सरकता हुआ मेरी गांड में चला गया. मुझे दर्द तो हुआ लेकिन तेल की चिकनाई के कारण कम था.

अब वह धक्के लगाने लगा. कुछ ही देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा था. वो बहुत उत्तेजित था तो करीब 5 मिनट में ही उसने पानी छोड़ दिया और थक कर मेरे ऊपर लेट गया. कुछ देर बाद उसने मुझे फिर से चोदा. इस बार मुझे कुछ ज्यादा ही मज़ा आया.

दोस्तों, मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मुझे आपके सुझाव का इंतजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – manvisissy5@gmail.com

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Thursday, July 26, 2018

माँ ने मुझे उकसाकर चुदवाया

इतना कह कर माँ मेरे होंठों पर अपने नरम होंठ रख कर मेरा मुंह बंद कर दिया और मेरे होंठों को चूसने लगी. अब मैं भी मूड में आ गया और उनका साथ देने लगा. ये किस करीब 5 मिनट तक चला…

हेलो दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है और मैं आशा करता हूँ कि ये आपको पसंद आएगी. मेरा नाम रवी है और मैं 18 साल का हूँ. ये कहानी मेरे और मेरे माँ के बीच हुई सच्ची घटना है.

दोस्तों, मेरी माँ का नाम संगीता है. एक बार मेरे पिता जी अपने काम से आऊट ऑफ स्टेशन गये थे और उनको आने में अभी 2 हफ्ते बाकी थे. शाम का समय था और मैं घर पर बैठ कर टीवी देख रहा था. मेरी माँ किचन में खाना बना रही थी.

तभी फोन बजा. मैंने फोन उठया तो फोन पर दूसरी तरफ मां की सहेली शांती आंटी थीं. फिर मैंने माँ को आवाज दी और कहा कि मां आपका फोन है. तो मां बोली कि रुको मैं अभी आती हूँ.

फिर माँ किचन से बादर आते ही बोलीं, “किसका फोन है?” मैं बोला कि शांती आंटी का है. फिर मां उनसे बात करने लगीं. माँ बोली, “क्या हाल चाल हैं तेरे, बहुत दिन बाद फोन किया!”

उधर से शांती आंटी बोलीं कि तेरा काम हुआ कि नहीं? इस पर माँ ने कहा, “अरे नहीं हुआ, और तेरा?” तो शांती आंटी बोलीं, “मेरा तो मत ही पूछ, मैं तो अब दिन रात राहुल से चुदवती हूँ. मेरी तो फैन्टसी सच हो गई. चिंता न कर तेरी भी हो जायेगी.”

इस पर माँ बोलीं, “अरे यार, अपनी भी क्या मस्त फैन्टसी है बेटे से चुदवाने की! ये छोड मुझे बता कि ये हुआ कैसे?” इस पर शांती आंटी बोलीं कि मैंने राहुल के पापा के बाहर जाने के बाद उसे सीधा बता दिया.”

माँ बोली – क्या बता दिया?

शांती आंटी – मैंने राहुल से कहा कि मुझे तुझसे चुदवना है.

माँ – फिर?

शांती – वो बोला, “माँ मैं जो बात तुमको नहीं कह पा रहा था, वो बात तुमने कह दी. बस फिर क्या, अब दिन हो या रात मैं राहुल से हरदम चुदवती हूँ.”

माँ बोलीं – तेरी तो निकल पड़ी, पर मैं नहीं कह सकती. मुझमे इतनी हिम्मत नहीं है. तू मुझे कुछ नया आइडिया बता.

शांती – एक काम कर तू रवी पर नजर रख कि वो तुझे घूरता है कि नहीं और अगर वो तुझे घूरता है तो तभी उसे सीधा बता दे कि तू उससे चुदवाना चाहती है.

माँ बोलीं – अगर कुछ गड़बड़ हुई तो?

शांती – अब अगर मगर कुछ नहीं.

माँ – पर!

शांती – इतना क्यों घबरा रही हो?

माँ – यार मुझमे तुम्हारे जितनी हिम्मत नहीं है.

शांती बोली – क्या यार, अच्छा रूक, मैं कुछ सोचती हूँ.

माँ – हां

कुछ देर बाद शांती बोली कि एक काम कर, तू उसे अपने जलवे दिखा. अगर वो कुछ तुझमें दिलचस्पी लेता है तो समझ ले कि तेरा रास्ता साफ है. फिर थोड़ा रुक कर बोलीं कि अच्छा चल अब राहुल बाथरूम में है और मुझे आवाज दे रहा है.

माँ – क्यों उसने टॉवल नहीं लिया क्या?

शांती – अरे नहीं, मैं उसके साथ नहाने जा रही हूँ. चल तुझे फिर से जल्दी ही फोन करूंगी. मुझे खुशखबरी देना हां, ओके बाय!

जब फ़ोन कट चुका तो मैं मां के पास पहुंच गया और माँ से बोला, “इतनी क्या बातें हो रही थी आंटी के साथ?” माँ बोलीं, “नहीं कुछ नहीं, अरे शांती बता रही थी कि वो राहुल के साथ घूमने जाने वाली है.” इस पर मैं बोला, “अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है.”

अब माँ बोली, “तू टीवी देख मैं जरा नहाकर आती हूँ.” यह कहकर माँ चली गईं. थोड़ी देर बाद माँ ने कहा, “रवी, जरा यहां तो आना.” मैं बोला, “आया माँ, और मैं माँ के बेडरूम में गया. वहां का सीन देखकार मैं तो पूरा हिल गया. माँ कमर पर टॉवल लपेट कर खड़ी थी और ब्रा का हुक लगाने की कोशिश कर रही थी.

उन्हें इस हालात में देख कर मैं थोड़ा घबरा गया और बोला, “सॉरी माँ, लेकिन क्या हुआ?” माँ बोलीं, “अरे, जरा ब्रा का हुक तो लगा दे, मुझसे लग ही नहीं रहा है.”

मैं बोला, “माँ तुम ही लगा लो, मैं आपको ऐसे कैसे देख सकता हूँ?” माँ बोलीं, “अरे लगा दे, मुझसे नहीं लग रहा है.” फिर मैंने ब्रा के दोनों साइड पकड़ कर हुक लागने लगा. ब्रा थोडा टाइट था तो मैंने थोडा जोर लगा दिया. इससे माँ के मुंह से हल्की सी आवाज निकल गई.

मैं बोला, “सॉरी माँ दर्द हुआ क्या? लेकिन थोड़ा जोर लगाना ही पड़ेगा नहीं तो हुक लग ही नहीं पायेगा.” माँ बोली, “ठीक है, पर जरा कम जोर लगाना.”

अब मैं फिर से ब्रा का हुक लगाने लगा. मेरा हाथ माँ की गोरी चिकनी पीठ पर छू रहा था. इस छुआ छाई में मेरा 6.5 इंच का लंड खड़ा होने लगा और जोर लगाने के कारण मैं थोड़ा आगे सरक गया तो मेरा खड़ा लंड माँ के भरे हुए गद्देदार हिप को टच हो गया.

अब मां बोली, “अरे ये क्या चुभ रहा है मुझे पिछवाड़े में?” माँ को तो इसी मौके की तलाश थी. इतना कह कर उसने हाथ पीछे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे दबाने लगी.

मैं बोला, “माँ, ये क्या कर रही हो?” तो माँ बोली, “अरे, ये चुभ रहा है.” ये कह कर माँ पलट जाती हैं और मेरी आखों में देखने लगती हैं.” फिर माँ बोलीं, “इतना बडा हो गया मेरा बेटा!” और फिर उन्होंने मेरे चड्डी में हाथ डाल के लंड को सहलने लगी.

अब मैं बोला, “माँ, ये क्या कर रही हो तुम?” माँ बोली, “अपने बेटे से प्यार कर रही हूँ. क्या तुझको ये पसंद नहीं आया?” अब मैं बोला, “आहह्ह पसंद आया माँ पर तुम मेरी माँ हो!” माँ बोली, “हां, ये सच है के मैं तेरी माँ हूँ पर मत भूल कि मैं एक औरत हूँ और तू एक मर्द और मैं चाहती हूँ कि तू अपनी मर्दानगी मुझपर दिखाए.

इतना कह कर माँ मेरे होंठों पर अपने नरम होंठ रख कर मेरा मुंह बंद कर दिया और मेरे होंठों को चूसने लगी. अब मैं भी मूड में आ गया और उनका साथ देने लगा. ये किस करीब 5 मिनट तक चला.

अब माँ ने कहा, “मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे खूब प्यार करो.” यह कह कर उन्होंने मेरी टीशर्ट और चड्डी निकाल दी. अब मैं माँ के सामने सिर्फ फ़्रेंची में था. फिर माँ मुझे खींचकर बेड पर ले गई. माँ के कंधों पर जो खुली हूई ब्रा थी वो मैंने निकाल दी. अब माँ की 38 की चूचियां मेरे सामने हिल रही थी. निप्पल भूरे रंग के थे.

फिर मैंने घुमा कर माँ को बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ कर चूचियाँ चूमने और चूसने लगा. मां बोलीं, “बेटा, मुझे तेरा लंड चूसना है.” इतना सुन कर मैं खड़ा हो गया.

माँ ने मेरी फ्रेंची निकाल दी और मेरा 6.5 इंच को अपने नरम होंठ में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मुझे सहना मुश्किल हो गया और 5 मिनट में मैंने पूरा अपना माल माँ के मुंह में गिरा दिया. माँ मादक अंदाज में उसे पूरा गटक गई.

फिर माँ अपनी चूत खोल दी और बोली, “अब मुझे मज़ा दो. अब मैं माँ की चूत चूसने लगा. कुछ देर बाद माँ ने पानी छोड़ दिया. अब तक मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया था. अब मैंने माँ को नीचे किया और चूत चौड़ा करके लन्ड रख दिया. अब माँ तड़पने लगी थी.

फिर मैंने हल्का सा धक्का देकर लन्ड अंदर सरका दिया. अब माँ के मुंह से सिसकारी निकल रही थी. करीब 10 मिनट की चुदाई में माँ की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया. उनकी चूत का गर्म पानी पाकर मेरे लन्ड ने भी अपना पानी छोड़ दिया. मैं माँ के ही चूत में झड़ गया.

उस दिन से हमारी कहानी शुरू हो गई. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – loveg2178@gmail.com

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Wednesday, July 25, 2018

फ़ेसबुक चैट पर मिली भाभी को उनके घर में चोदा

इसके बाद मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और फिर अपनी टीशर्ट और लोअर को भी उतार दिया. अब वो और मैं लगभग नंगे ही थे. वो बस ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत के साथ खेलने लगा…

अन्तर्वासना के नियमित पाठकों और चूत वाली चुदासी भाभियों को मेरा चुदाई भरा नमस्कार! साथियों, मैं अन्तर्वासना साईट का नियमित पाठक हूँ और लगभग इसकी हर एक कहानी को मस्त होकर पढ़ता हूँ.

आज, जो कहानी या कहें कि सच्ची घटना मेरे साथ घटी है, मैं उसे आप सब के साथ शेयर कर रहा हूँ. उम्मीद है आप सबको जरूर पसंद आएगी.

दोस्तों, मेरा नाम मोहित है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. दोस्तों, मैं एक शादीशुदा युवक हूँ. ये घटना मेरे साथ लगभग दो साल पहले घटी है. उस समय मैं शादी शुदा नहीं था. तब मैं रोज की तरह फेसबुक पर अपने दोस्तों के साथ चैट कर रहा था.

तभी मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट में एक लड़की की प्रोफ़ाइल दिखाई दी. जिसका नाम स्नेहा ( बदला हुआ नाम) था और वह लगभग एक साल पहले मेरी फ्रेंड बनी थी. मैं किसी कारण से उस दौरान उससे बात नहीं कर पाया था. उस दिन अचानक मन में आया तो मैंने उसको हाय भेजा, लेकिन उसका रिप्लाई नहीं आया.

अगले दिन उसका रिप्लाई आया तो मैंने बदले में उसे हाय कहा, और बात करने लगा. बात करते – करते पता चला कि वो एक शादी शुदा औरत है और उसे एक बच्चा भी है.

फिर मैंने उससे बात आगे बढ़ाई. इस दौरान हमारे बीच पढ़ाई और उसके पति के बिज़नेस के बारे में बात हुई. वो मेरे ही शहर की थी. दोस्तों, मुझे शादी शुदा औरतों की चूत मारना ज्यादा पसंद है तो मैं धीरे – धीरे उसकी तरफ आकर्षित होने लगा, और मैंने बातों ही बातों में ये जानने की कोशिश की कि क्या वो अपने पति से संतुष्ट है या नहीं?

मुझे पता चला कि वो अपने पति से बहुत ज्यादा परेशान है. उसके पति का किसी और लड़की के साथ अफेयर चल रहा था. इसके बाद हम अक्सर रात – रात भर फेसबुक पर ही बातें करते थे और धीरे – धीरे हमारी बातें सेक्सी होती चली गयी और हम फ़ोन पर खुल कर और खूब मस्ती में सेक्स चैट करने लगे. मैंने उसको पूरी तरह खोल दिया था. अब वो डर्टी वर्ड्स बोलले लगी थी. चूत और लंड जैसे शब्द भी हम दोनों अपने सेक्स चैट में इस्तेमाल करते थे.

उसके बाद हम एक – दूसरे से मिलने के लिए तड़पते रहते थे. एक दिन वो वक़्त भी आया और हम पहले से निश्चित एक जगह पर मिले. दोस्तों, उसे देख के तो मैं पागल सा हो गया और उसके हुस्न का दीवाना हो गया था.

उसके बाद हम कहीं प्राइवेट में मिलने का सोचने लगे. क्योंकि अब न तो मैं चुदाई के बिना रह सकता था और न ही. अब तो आग दोनों तरफ बराबर थी और दोनों ही चुदाई के लिए तड़प रहे थे.

फिर एक दिन हमें मौका मिल ही गया. जब उसका पति किसी काम से दो दिन के लिए बाहर गया था, तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया. जब मैं उसके घर के पास पहुंचा तो उसने मुझे पीछे के रास्ते से अपने घर में घुसाया.

उस समय उसने पीली साड़ी पहन रखी थी. जिसमें वो एक दम मस्त माल लग रही थी. इसके बाद फिर हम दोनों उसके बेड रूम में दाखिल हुए तो मैंने पहले उसको पीछे से पकड़ा और उसकी गर्दन पर हल्का सा स्मूच किया. जिससे उसके बदन में सरसराहट सी महसूस हुई.

फिर मैंने उसे अपनी तरफ करके उसके होंठों पर किस किया और हम दोनों लगभग 10 मिनट तक एक – दूसरे को किस करते रहे. इसके बाद मैंने उसके बूब्स से खेलना शुरू किया और अब स्नेहा इन सब में मेरा पूरा साथ दे रही थी. मेरी भी यही कोशिश थी कि इस सब में उसे भी पूरा मजा आये.

फिर मैंने उसका ब्लाउज खोला और उसकी नरम – नरम चूचियों को दबाते हुए उसके निप्पल को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. वह ‘आह्ह्ह आह्ह्ह’ की आवाज कर रही थी. इसके साथ ही उसने कहा कि खेलो मस्त होकर इनसे, मैं बहुत समय से चुदासी हूँ, अहहाह हाहाह ईईइ..”

इसके बाद मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और फिर अपनी टीशर्ट और लोअर को भी उतार दिया. अब वो और मैं लगभग नंगे ही थे. वो बस ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत के साथ खेलने लगा.

पहले उसकी चूत के दाने को अपनी उंगलियों से रगड़ा और फिर ऊँगली को चूत में घुसा के अन्दर – बाहर करने लगा. अब वो ‘अहहहह्हहाह ईई’ की मस्त मादक आवाज निकाल रही थी. कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फिर वो कहने लगी कि मेरे राजा, मैं काफी टाइम से चुदी नहीं हूँ तो प्लीज मेरी प्यास जल्दी से बुझा दो.”

इस पर मैंने कहा, “अभी नहीं मेरी रानी, पहले तड़प को और बढ़ने दो.” इतना कह कर मैंने उसकी पेंटी उतार दी और फिर उसकी चूत को अपनी जीभ से चूसने लगा. अब उसकी तड़प बढ़ती जा रही थी और वो ‘आहहहह’ की मधुर आवाज निकलने लगी थी.

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरे लंड को आजाद करके उसे अपने मुंह में लेकर चूसो. इस पर पहले तो वो मना करने लगी पर बाद में उसने उसे लन्ड को अपने मुंह में लिया और मस्त होकर चूसने लगी.

इस दौरान उसने कहा कि आज तक कभी मेरे पति ने भी ऐसा नहीं किया और अब मुझे लन्ड चूसने में मस्त मजा आ रहा है, बस अब देर न करो और जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल के मुझे मस्त ख़ुशी दे दो और मेरी प्यास बुझा दो.

उसके बाद मैंने बिना देरी किए अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और पहले धीरे से और फिर एक झटके से अपना लन्ड अन्दर घुसा दिया. जिससे वो तेज़ आवाज में चिल्लाई और दर्द के मारे छटपटाने लगी. इधर मैं उसकी चूत में धक्के पर धक्के मारने लगा.

थोड़ी देर में उसे इन धक्कों में मजा आने लगा और फिर मैंने धक्कों की रफ़्तार को और तेज़ किया. अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. करीब 15 मिनट के बाद मैंने कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि मेरे ऊपर निकाल दो और फिर मैं तेज़ फुहार के साथ उसके बूब्स के ऊपर झड़ गया.

उसके बाद हमने 3 बार और चुदाई की और आगे भी ये सिलसिला जारी रहा. दोस्तों, अगर आपको ये सच्ची घटना अच्छी लगी हो तो मुझे ईमेल जरुर करें. मेरी मेल आईडी – Thisizmohit49@gmail.com

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Tuesday, July 24, 2018

पत्नी के साथ वफादारी कर मैंने भाभी को चोदा

मेरी उंगलियां बड़ी नजाकत से उसके निप्पल्स को टच कर रही थीं. वो सिसकियां लेने लगी थी. फिर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मैं बिल्कुल किसी छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था. इतना आनंद आ रहा था दोस्तों, मैं बता नहीं सकता…

हेल्लो दोस्तों, सभी अन्तर्वासना के पाठक भाइयों तथा भाभियों की प्यारी होंठ जैसी गुलाबी चूतों को आरव का नमस्कार. दोस्तों, मैं गुजरात के सूरत शहर का रहने वाला एक युवा हूँ. मेरी उम्र 30 साल है. मैं यहां इस कहानी के माध्यम से अपने साथ हुए एक सत्य अनुभव को कहने जा रहा हूँ. उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी.

मैं मेरी मैरिज लाइफ से बहुत संतुष्ट हूँ और मेरी बीवी भी मुझसे बहुत खुश है. ये कहानी मेरी पड़ोस में रहने वाली भाभी की है, जिसने मुझे मेरी वफ़ादारी का ईनाम दिया. उनका नाम सोनल है और वो भी वैसे ही खूबसूरत हैं. एक दम परफेक्ट फिगर की. क्या बताऊँ दोस्तों, क्या क़यामत लगती है! हमारी पूरी सोसाइटी के पुरुष उसके नाम की मुठ मारते होंगे.

मैं भी उसकी खूबसूरती का दीवाना था पर कभी मैंने उसको उस नजर से नहीं देखा. वो मेरे बाजू के मकान में रहती है. उसका पति मेरा अच्छा दोस्त है. चूंकि हम सब हम उम्र थे तो हम चारों लोग घूमने और मूवी देखने साथ में ही जाते है.

हम आपस में बहुत घुल मिल चुके थे. दोस्तों, जब लेडीज आपस में बात करती है तो वो अपनी निजी समस्या भी बताती है. एक बार मेरी वाइफ और सोनल में सेक्स की बात हुई तो उसने बताया कि उसके पति हार्दिक का लौड़ा 4 इंच का है तो बहुत ज्यादा मजा नहीं आता.

फिर मेरी वाइफ ने उससे बताया कि आरव का लौड़ा तो देखते ही प्यार करने को मन करता है. उस दिन के बाद से वो मुझे ऐसी ही नजर से देखने लगी थी, पर वो जानती थी कि मैं उसकी बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ. धीरे – धीरे वो मेरे साथ ज्यादा चुलबुली हो गयी.

एक दिन मेरी बीवी के मायके में उसके सबंधी की शादी थी तो उसको चार – पाँच दिन के लिए वहां जाना था. इसलिए उसने मेरा सारा काम सोनल को बता दिया और खाना भी उसके घर पर खाने को बोल के वह चली गई.

फिर एक दिन के बाद हार्दिक के गांव में उसके फॅमिली में किसी की मौत हो गई तो उसको उस रात ही जाना पड़ा. जब मैं उसको बस के लिए छोड़ने गया तो उसने बताया कि सोनल की अभी वहां ऐसी जरुरत नहीं है, इसलिए नहीं ले जा रहा हूँ. तुम उसका ध्यान रखना, मैं दो दिन में आ जाऊँगा.

उसके छोड़ कर मैं घर पहुंचा और बेड पर जाकर सो गया. इतने में सोनल का कॉल आ गया. वह सुबह के नाश्ते के बारे में पूछ रही थी. तो मैंने बताया कि मैं सुबह नाश्ता नहीं करता. इस पर वह बोली कि आरती क्या सोचेगी कि मैंने आपको नाश्ता भी नहीं करवाया. फिर मैं बोला, “ठीक है, कुछ भी चलेगा.”

सुबह उठ कर तैयार होकर जब उसके घर गया तो वह नहाने गयी थी. यह देख मैं न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा. जब सोनल नहा कर बाहर आई तो उसको देख कर मेरा लन्ड तन गया था. दोस्तों क्या लग रही थी वो! उसने टीशर्ट पहनी हुई थी और उसके अंदर ब्रा नहीं पहनी थी.

वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली कि मुझे आपसे एक बात करनी है. आप आरती के प्रति कितने वफादार हैं? मैंने कहा कि वह मेरी लाइफ है. तो उन्होंने कहा कि हार्दिक मेरी जान है पर अगर आप बुरा न मानें तो एक बात बोलूं. मैंने सिर हिलाया तो बोलीं, “क्या हम एक ऐसे रिलेशन में रह सकते हैं, जिसमे आपको कभी अपनी वफादारी पर शक ना हो?” इस पर मैं बोला, “मैं आपकी बात समझा नहीं.” लेकिन दोस्तों, वास्तव में, मैं उसकी पूरी बात समज गया था कि वह क्या कहने वाली है.

फिर उसने बोला कि मैं एक ऐसा प्यारा दोस्त चाहती हूँ, जो मेरे दुःख को समझे और दुनिया भी हमारे सबंध को गलत ना समझे. फिर उसने कहा कि आरती ने मुझे बताया था कि आपका वो बहुत बड़ा है. तो यदि आपको कोई प्रॉब्लम न हो तो मुझे आपके साथ एक बार सेक्स करना है.

मैं उसकी इतनी साफ बात सुन कर दंग ही रह गया. मैं अपने आप पर विश्वास ही नहीं कर पा रहा था, पर वह सच था. अब मेरे घोड़े सातवें आसमान पर उड़ रहे थे कि जिसके पीछे पूरी कायनात है वह मेरे पीछे पड़ी है और वो भी मेरी वफ़ादारी की वजह से. क्योंकि वह जानती थी कि मैंने कभी उसको ऐसी नजर से देखा ही नहीं है.

फिर मैंने एक शर्त रखी कि तुम्हारा हार्दिक के प्रति प्यार कभी कम नहीं होना चाहिए और हम दोस्त ही रहेंगे. इस पर उसने हां बोल के मुझे अपने गले से लगा लिया.

शाम को जल्दी वापस आने का बोल कर मैं काम पर चला गया और शाम को जब मैं वापस आया तो देखा कि उसका दरवाजा बंद है. फिर मैंने डोर बेल बजाई तो जब वो दरवाजा खोलने आई तो उन्होंने वन पीस पहना था. उसे देख कर अंडरवियर से मेरा लौड़ा बाहर आने को तड़पने लगा.

फिर मैंने दरवाजा बन्द किया और उसको कसके हग कर लिया और फिर उसके लिप पर मेरा मुंह रुकने का नाम नहीं ले रहा था. क्या रसीले लिप्स थे यारों! अब मैं पीछे से उसकी गांड को दबाने लगा और मेरी छाती उसके बूब्स के साथ ऐसे सेट हो गए कि जैसे फेविकॉल लगा हो.

फिर मैंने उसको उठा लिया और उसके बेडरूम में ले आया और उसको लेटा दिया. वो मुझे प्यासी नजरों से देख रही थी. ऐसा लग रहा था कि बरसों की प्यासी हो. मैं उसके बूब्स देखने के लिए इतना बेक़रार था कि मेरे से उसका वन पीस फट गया. अब मैं किसी जंगली की तरह उस पर टूट पड़ा.

क्या मस्त बूब्स थे उसके! एक दम गोरे. उन पर उंगली भी लग जाए तो भी लाल हो जाये. फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे – धीरे उसके गले पर किस करने लगा. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स को दबा कर रहे थे.

मेरी उंगलियां बड़ी नजाकत से उसके निप्पल्स को टच कर रही थीं. वो सिसकियां लेने लगी थी. फिर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मैं बिल्कुल किसी छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था. क्या आनंद आ रहा था दोस्तों, मैं बता नहीं सकता!

मेरा एक हाथ उसके बूब पर और दूसरा धीरे से उसकी पैंटी में चला गया. वो पूरी गीली हो गई थी. इस दरम्यान उसने मेरा शर्ट खोल दिया और फिर पैंट का बेल्ट खोलने लगी. मेरा पैंट उतार के उसने मेरी अंडर वियर में हाथ डाल दिया और मेरा लौड़ा हाथ में लेकर मेरी तरफ देखके ऐसे एक्सप्रेशन दिए कि बहुत बड़ा है.

फिर उसने मेरी अंडर वियर भी उतार दी और मेरे लौड़े को किस करने लगी. फिर वो उसे मुंह में लेकर चूसने लगी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो. मेरा पूरा लन्ड उसने चूस कर गीला कर दिया था.

इसके बाद मैंने उसको 69 की पोजिशन में लेकर उसकी चूत का टेस्ट लिया. उस दरमियान वह झड़ चुकी थी और मेरे लन्ड से भी वीर्य निकल चुका था. बाद में फिर उसने मेरा लन्ड चूस के खड़ा किया. वो इतनी प्यासी थी कि उसके मुंह से ‘आअह्ह आहहहह’ की आवाज बन्द नहीं हो रही थी.

फिर मैंने उसके दोनों पैर को ऊंचा किया और मेरे कंधे पर रखा. अब मैंने मेरा लौड़ा उसकी चूत पर रखा। मैं पहले धीरे से अंदर डालने की कोशिश कर रहा था पर उसकी चूत बहुत ही टाइट थी तो मैंने उसको बोला कि थोड़ा दर्द मेरे नाम से सह लेना. इतना बोल कर फटाक से धक्का दिया तो आधा लन्ड अंदर चला गया और वह चिल्ला पड़ी.

मैं मानने वालों में से नहीं था. फिर मैंने दूसरा धक्का दिया तो मेरा पूरा लन्ड ही अंदर चला गया. अब उसकी आँख में आंसू आ गए थे, लेकिन मैं रुका नहीं और लन्ड अंदर – बाहर करने लगा.

अब मैंने झटके शुरू कर दिए. थोड़े समय में सब नार्मल हो गया और वह मेरा साथ देने लगी. अब वो ‘मेरी प्यास बुझा दे मेरे आरव’ कह कर ऊपर नीचे होने लगी.

बाद में मैंने उसको मेरे ऊपर बैठा के चोदा और लास्ट में डोगी पोजिशन में भी चोदा. अंत में मैंने मेरा वीर्य उसके चूत में छोड़ दिया. अब मैं थक गया था तो नीचे उतर कर लेट गया और वह मुझे अपनी मुंह से हवा देने लगी.

क्या दिन था यारों! उन दो दिनों में मैंने सोनल को 10 बार चोदा और वो भी अलग – अलग अंदाज में. उन 3 दिनों के बाद हमारी लाइफ पहले जैसी नार्मल हो गयी और हम चारों लोग पहले जैसे ही रहने लगे. अब ऐसा लग रहा था, जैसे कि पहले कुछ हुआ ही ना हो. अब टाइम मिलने पर मैं सोनल को अभी भी चोदता हूँ, लेकिन अपनी वफादारी में रह कर.

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल करके जरूर बताएगा. मेरी ईमेल आईडी – prempatelak1000@gmail.com

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Monday, July 23, 2018

चूत सूंघ कर बड़ी मां को चोदा

अब मैंने अपना हाथ बुर से निकाल के अपनी उंगलियों को चाटना और सूंघना चालू कर दिया. यह देख बड़ी माँ ने कहा, “चाटना है तो पहले से बता देता.” यह कह के वो नंगी हो गईं और सोफे के ऊपर बैठकर अपनी जांघों को खोल दिया…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम शिवम हैं और मैं बिहार का रहने वाला हूँ. ये सेक्स कहानी मेरी और मेरी बड़ी माँ की है. आप का समय ख़राब का करते हुए, मैं अब सीधा इस चुदाई की कहानी पर ही आता हूँ.

मेरी बड़ी माँ एक गदराई हुई जवान औरत हैं. उनका फिगर एक दम हॉट हैं. एक दम टाईट गोल चूचे और मसलवाली बड़ी गांड भी हैं उनकी. बड़ी माँ को देख कर किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाए. वो दिखने में किसी परी के जैसी लगती हैं.

एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था. सिर्फ मैं और मेरी बड़ी माँ ही थे. वो दोपहर में सो गई थी. तभी मैं क्रिकेट खेल के घर आया तो देखा की उनकी साड़ी ऊपर उठी हुई है और उनका बुर पूरा पसीने से भीगा हुआ था. उस समय मुझे पता नहीं चला कि बड़ी माँ नींद में ही झड़ चुकी हैं.

मैं उन्हें नींद में समझ के उनके जांघ की तरफ जा के सूंघने लगा. उनकी बुर से बहुत मस्त खुशबू आ रही रही थी उनकी. फिर मैंने उसकी साड़ी को थोड़ा सा ऊपर किया. तभी उनकी आँख खुल गई. इसके बाद भी उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा और वो उठ के मेरी तरफ देखने लगी.

यह देख मैं डर गया और फिर मैंने बहाना बना के कहा कि बड़ी माँ खाना दो न बहुत भूख लग रही हैं. लेकिन तभी मैंने देखा कि वो मुझे एक दम नशीली आँखों से देख रही थी. यह देख मैंने कहा, “क्या हुआ बड़ी माँ, ऐसे क्यूँ देख रही हो. तो उन्होंने कहा कि तू मेरा एक काम करेगा?

मैंने कहा – क्यों नहीं बड़ी माँ! आप बताइये।

अब बड़ी माँ बोलीं – किसी से कहेगा तो नहीं ना?

मैं बोला – नहीं बड़ी माँ, आप बताइये क्या बात है.

तो बड़ी माँ बोली – वही, जो तू अभी मेरे साथ करने लगा था उसे अच्छे से और खुल कर कर लेते हैं.

यह सुन कर मैं पूरा शर्म के मारे लाल हो गया. तो बड़ी माँ ने फिर कहा – मेरी नजर तेरे ऊपर तो बहुत पहले से ही थी. तू जब भी नहाता था तो मैं तेरा लौड़ा बड़े ही प्यार से देखती हूँ.

अब मैं बड़ी माँ के पास गया तो उन्होंने मुझे कमर से पकड़ लिया. मुझे भी अन्दर से बहुत मस्त लग रहा था, क्यूंकि मेरी भी सालों की तमन्ना आज पूरी होने को थी. कितने दिनों से मैं बड़ी माँ की गांड और बूब्स को देखना और टच करना चाहता था. तभी बड़ी माँ ने मेरा माथा पकड़ के अपने बुर की तरफ कर दिया.

मुझे बड़ी माँ के बुर से गीली खुसबू का अहसास हो रहा था. फिर मैंने उनके बुर पर हाथ रखा तो जैसे मेरे लन्ड में करंट सा लगा. अब वो उठीं और मेरी पैंट को नीचे कर के बोली, “तू रोज मेरे नाम की मुठ मारता है, आज जो करना चाहता हैं कर ले.”

फिर मैंने भी देरी न करते हुए पसीने से लथपथ उनके कंधे को और कानों को चाटना चालू कर दिया. बड़ी माँ भी एकदम मदहोशी में डूबी हुई थी. अब मैं नीचे गया और उनकी बुर को चाटना चालू कर दिया.

वो पूरी मदहोशी से सिसकारी ले रही थी. वो ‘आह्ह्ह चाट, आह्ह्ह मेरे राजा, चाट चाट के साफ़ कर दे अपनी बड़ी माँ के भोसड़े को. आह आह तू ही है जो मेरी चुदाई का दर्द दूर करेगा मेरे राजा, आह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह’ और भी पता नहीं क्या बोले जा रही थी.

फिर बड़ी माँ ने अपनी जांघों के बीच में मेरी मुंडी को कस के दबा लिया और मैं समझ गया की मेरे चाटने की वजह से वो झड़ने की कगार पर आ चुकी थी.

तभी मुझे किसी के आने की आवाज सुनाई दी. वो कोई और नहीं मेरे बड़े पापा थे. उस आवाज को सुन कर मैं जैसे – तैसे अपने आप को रोक के वहाँ से भाग खड़ा हुआ. बड़े पापा के आने से बड़ी माँ को बड़ा गुस्सा आ गया था, लेकिन उन्होंने कंट्रोल कर लिया.

फिर मैं शाम को बड़ी मम्मी के यहाँ गया तो देखा उनकी आँखों में एक अलग ही चमक थी. मैंने कुछ बोला भी नहीं और वो मेरे पास आ गईं और एक झटके में मुझे किस करने लगी. मैंने भी जवानी के जोश में आकर खूब जोर से उसे किस करना चालू कर दिया.

फिर मैंने देर न करते हुए अपने दोनों हाथों से उनकी साड़ी के अन्दर बूब्स को पकड़ लिया. पहले मैंने बूब्स को थोड़ा मसला और फिर अपना एक हाथ उनके बुर में डाल दिया. क्या बताऊँ दोस्तों, उनके बुर की खुशबू को मैं सूंघना चाहता था और इसके लिए मैं खुद को रोक नहीं सका.

अब मैंने अपना हाथ बुर से निकाल के अपने उंगलियों को चाटना और सूंघना चालू कर दिया. यह देख बड़ी माँ ने कहा, “चाटना है तो पहले से बता देता.” यह कह के वो नंगी हो गईं और सोफे के ऊपर अपनी जांघों को खोल दिया.

अब मैं उनके पास गया और उनकी बुर को चाटने लगा. मैं उनकी बुर को चाट रहा था और हाथ में लन्ड भी पकड़ रखा था. मैं लन्ड हिलाते हुए अपनी बड़ी माँ का बुर चाट रहा था.

मैंने 20 मिनट तक उनकी बुर को अपनी जुबान से चोदा. इस बीच वो 2 बार झड़ भी गई. बीच – बीच में वो मुझे अपना बुर जोर – जोर से चाटने के लिए कह रही थी. अब मैं और भी जोर से बड़ी माँ का बुर चाटने. वो फिर से एक बार झड़ गई और मैं उसके बुर का सारा पानी पी गया.

अब मैंने अपना लन्ड बड़ी माँ को चूसने के लिए दे दिया. मेरी बड़ी माँ सच में एक चुदसी औरत थी. उसने इतना हॉट ब्लो जॉब दिया कि मेरे लौड़े में जैसे आग लग गई हो. वो अपनी जुबान से मेरे सुपारे को हिलाती थी और लंड को एक दम तड़पा के फिर अपने मुह में ले लेती थी. मैं करीब 5 मिनट में ही उसके मुंह में ही झड़ गया. बड़ी माँ ने मेरा सारा वीर्य पी लिया था.

फिर हम दोनों ने एक – दूसरे को गले लगा लिया. करीब मिनट में उन्होंने फिर से मेरा लंड हिलना चालू कर दिया. मेरे सिकुड़े हुए लन्ड में फिर से खुसपुसाहट सी हो गई और उसकी सलवटें मिट गई और लन्ड फिर से कड़क हो गया.

अब मैंने बड़ी माँ की बुर को खोला और अपना लंड उनके बुर पर रख दिया. तभी बड़ी माँ ने आह भरी और बोली कि जल्दी से अन्दर कर दे अपने तोते को, मेरी मैना बहुत ही प्यासी है.

फिर मैंने एक झटका दिया और मेरा लन्ड बड़ी माँ के बुर में घुस गया. इधर मैंने अपने मुंह में उनके बूब्स भर लिये और बूब्स को चूसते हुए ही उन्हें चोदने लगा. बड़ी माँ को बड़ा अच्छा लग रहा था और वो भी अपनी गांड हिला – हिला के चुदवा रही थी.

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद फिर मैंने अपना सब वीर्य बड़ी माँ के बुर में ही छोड़ दिया और लन्ड बाहर निकाल लिया. बड़ी माँ ने फिर मेरा लौड़ा अपने मुंह में भर लिया और लंड में लगे वीर्य को चाट कर लन्ड एकदम साफ़ कर दिया.

दोस्तों, यह थी मेरी और मेरी बड़ी माँ की पहली चुदाई की कहानी. अब हम दोनों सेक्स के रेग्युलर पार्टनर हो चुके हैं और जब भी चांस मिलता है, मैं उनकी बुर चोद आता हूँ. उम्मीद है आप लोगों को मेरी यह कहानी पसंद आई होगी. कहानी से संबंधित सुझाव आप मुझे मेल कर सकते हैं. मेरी मेल आईडी – sarryaman@gmail.com

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Sunday, July 22, 2018

चुदवाने के लिए प्रोजेक्ट नहीं दे रही थी मैडम

वो मुझसे लिपट गई थी और उसके तने हुए चूचे मुझे महसूस होने लगे थे. जिन्हें अब मैंने हल्के – हल्के हाथ से मसलना शुरू कर दिया था. कनिका ने मेरे होंठों को चूमना जारी रखा और इस कदर चूमा कि होंठ तो होंठ मेरी थोड़ी भी उसके थूक से गीली हो गई थी…

हेलो दोस्तों, बात उन दिनों की है जब मैं अपने दोस्त के साथ मिल कर एक इवेंट कंपनी चलाता था. हम नए थे तो हमें क्लाइंट्स की सख्त ज़रुरत थी. इस सिलसिले में आए दिन नई मीटिंग्स और नए चैलेंज मिलते रहते थे. लेकिन कनिका ने जो चेलेंज दिया था उसकी बात ही कुछ और थी.

कनिका हमारे एक क्लाइंट की मार्केटिंग मेनेजर थी और उसके ऑफिस से हमें बड़ी डील के साथ साल भर बिज़नेस मिलने वाला था. लेकिन कनिका जो कि सुपर फ़्लर्ट थी हमें इस धंधे को ले कर डरा रही थी. वह बोल रही थी कि रेट्स ज्यादा हैं और हमारा कम्पटीटर उसे अच्छा रेट दे रहा है.

तब मेरे दोस्त नमन ने मुझे कहा, “यार, ये कनिका को कुछ और चाहिए” तो मैंने पूछा, “कुछ और मतलब?” इस पर वह बोला, “एक काम कर, मैं उसे इस वीकेंड पर डिनर के लिए मैरिएट होटल में इनवाईट करता हूँ और तू वहां उसे सब अच्छी तरह से समझा कर किसी भी तरह बात पक्की कर लेना.”

मैंने भी हाँ कर दी क्यूंकि एक तो मेरिएट में जाने को मिल रहा था और दूसरे बिज़नेस भी मिल रहा था. फिर मैंने पूरी प्रेजेंटेशन पर और रेट्स पर दोबारा वर्क किया और फ्राइडे के लिए तैयार हो गया. फिर मैं मेरिएट पहुँचा और कनिका को कॉल करने के लिए जेब से फ़ोन निकाला ही था कि कनिका ने मुझे आवाज़ दी.

वो अपनी गाड़ी में बैठे – बैठे ही मुझे देख रही थी. फिर मैं अपनी कार से निकल कर उसकी कार के पास पहुँचा तो उसने मुझे अन्दर बैठने को कहा. मैं अन्दर बैठा और उसने उसी वक़्त गाड़ी स्टार्ट कर दी तो मैंने पूछा, “अरे यहाँ नमन ने सीट्स रिज़र्व कर रखी हैं” तो वो मुस्कुराई और बोली, “लेकिन यहाँ तुम मुझे प्रेजेंटेशन नहीं दे पाओगे, इट्स टू नोइज़ी.”

अब मैं चुपचाप बैठा रहा और वो गाड़ी ड्राइव कर के शहर के सबसे पॉश इलाके में बने एक अपार्टमेंट में ले गई. वहाँ गाड़ी पार्किंग में लगा कर मुझे बोली, “यहाँ मेरा फ्लैट है, सुकून से प्रेजेंटेशन भी दे देना और कुछ ऑर्डर भी कर लेंगे.”

दोस्तों, मैं इतना बड़ा चूतिया था कि अब भी समझ नहीं पा रहा था कि ये नमन ने मुझे धंधे की खातिर कनिका को बेच दिया है. अब हम दोनों कनिका के फ्लैट में पहुंचे. उसका फ्लैट काफी सुन्दर था और करीने से सजाया गया था.

कनिका ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और खुद अन्दर चली गई. थोड़ी देर बाद जब बाहर आ गई. फिर उसने ड्राइंग रूम में रखे एक पुरने ज़माने के ट्रंक को खोला और बोतलों की तरफ इशारा करते हुए कहा, “हेल्प योरसेल्फ.”

इस पर मैंने कहा, “ये सब तो चलता रहेगा, पहले प्रेजेंटेशन तो देख लो.” इस पर वो मुस्कुरा कर बोली, “इससे प्रेजेंटेशन देने का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा” और ये कह कर उसने वोडका का एक ड्रिंक अपने लिए बना लिया और मुझे इशारे में पूछा तो मैंने भी एक स्माल स्कॉच बना लिया.

दोनों ड्रिंक लेते – लेते प्रेजेंटेशन देख रहे थे. तभी मैंने महसूस किया कि कनिका मेरे काफ़ी करीब आ गयी है और लगभग मेरे कंधे पर टिक कर ही प्रेजेंटेशन देख रही है. उसकी सांसें मेरी गर्दन पर साफ महसूस हो रही थीं.

फिर मैंने गिलास रखने के लिए खुद से उसको दूर किया तो वो किसी बहाने से और करीब आ गई. अभी हम लोग कास्टिंग के पेज पर पहुंचे ही थे कि उसने मुझे कहा, “बस तुम्हारी यही बात मुझे पसंद नहीं.” मैंने कहा, “पर कास्टिंग तो तुम्हारे हिसाब से ही बनाई गई है.”

यह सुनते ही वो बोली “तुम इतना काम क्यूँ करते हो.” इतना कह कर उसने मेरे हाथ से लैपटॉप ले लिए और टेबल पर रख दिया. फिर खुद मेरी तरफ मुंह कर के मेरी गोद में बैठ गई. मेरे लिए ये सब अन एक्सपेक्टेड था और ये इतना जल्दी हुआ कि मैं संभल ही नहीं पाया.

कनिका के कन्धों तक लहराते बाल अब मेरे चेहरे पर थे और उसके होंठ मेरे होंठों को छू रहे थे. अब मैं अपने सोचने – समझने की शक्ति को लगाम लगा कर उसके रसीले होंठ चूमने लगा था और कनिका भी बराबर मेरा साथ दे रही थी.

वो मुझसे लिपट गई थी और उसके तने हुए चूचे मुझे महसूस होने लगे थे. जिन्हें अब मैंने हल्के – हल्के हाथ से मसलना शुरू कर दिया था. कनिका ने मेरे होंठों को चूमना जारी रखा और इस कदर चूमा कि होंठ तो होंठ मेरी थोड़ी भी उसके थूक से गीली हो गई थी.

फिर मैंने उसे पलटा दिया अपना मुंह पोछ कर और उसका टी-शर्ट उतार दिया और उसके भरे हुए सांवले रंग के चूंचों को चूसने लगा. मुझे उसके चूचे इतने अच्छे लग रहे थे कि उनके आगे मैं सब भूल ही गया था.

फिर कनिका ने मेरे लंड को जीन्स के ऊपर से ही सहलाना शुरू किया. उसे मेरे लंड का साइज़ पैंट के बाहर से ही पता लग गया था तो वो बोली, “ह्म्म्म इसके साथ तो काफी मज़ा आएगा.” तो मैंने भी हँसकर बोला, “तो ले लो मज़ा फिर.”

अब कनिका ने मेरी जीन्स उतार दी और अपनी पैन्ट भी उतार कर नंगी हो गई. अब वह मुझे आधा लेटा कर के सीधे मेरे लंड पर सवार हो गई. उसकी चूत इतनी जल्दी पनिया जाएगी मुझे इसका अंदाजा ही नहीं था, लेकिन एक बात गज़ब थी. उसकी चूत अन्दर से काफी गर्म थी और कनिका मेरे लंड की सवारी करते हुए मस्ती में अपनी गांड मटका रही थी. जिससे मेरा एक्साइटमेंट लेवल और बढ़ गया था.

इस चुदाई में कनिका को झड़ने में दो मिनट भी नहीं लगे, लेकिन मैं अपना भूखा लंड उसकी चूत से निकाले बिना ही उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा. कनिका जोर – जोर से सिसकारी ले रही थी. उसकी आवाजों से उसका फ्लैट गूंजने लगा था और फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.

इसके बाद हम दोनों ने बाथरूम में जा कर अपने अपने जननांगों को धोया. फिर उसने खाना ऑर्डर करके एक एक ड्रिंक और बनाया. कनिका एक ही साँस में अपना वो ड्रिंक गटक गई और इसके बाद वह फिर से मेरे लंड को चूसने लग गई.

अब मैं अपना ड्रिंक मुंह में लगाए हुए कनिका को अपना लंड चूसते हुए निहार रहा था. उसका मुंह मेरे लंड पर इस तरह चल रहा था कि मैं अपने होश ही खो बैठा था. कनिका मेरे लंड को बांसुरी की तरह अपने होंठों से दबा रखा था. वो मेरे लंड और गोटों पर अपने होंठ रगड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

तभी अचानक कनिका ने एक दम से मेरे लंड को पूरा अपने मुंह में ले लिया. जिसे देख कर मैं हैरान रह गया क्यूंकि उसकी न तो साँस घुटी और न ही उसे कोई तकलीफ हुई. कनिका मेरे लंड को गन्ना और अपने मुंह को रस निकलने की मशीन समझ बैठी थी. आखिरकार उसने अपनी लंड चूसने की कला से मेरे लंड का रस निकाल ही दिया और मेरा पूरा पानी गटक गई.

कुछ देर बाद हमारा खाना आ गया. खाना खाने के बाद मैंने कनिका को पूरी रात चोदा और अमूमन हर तरह से उसकी गदराई सांवली जवानी का मज़ा उठाया. सुबह होते ही कनिका ने अपने मोबाइल से मुझे मेरे प्रोजेक्ट के अप्रूवल का मेल कर दिया और मुस्कुरा कर बोली, “तुम बहुत अच्छी तरह से प्रेजेंटेशन देते हो.” तो मैंने भी मुस्कुरा कर कहा, “तुम इसी तरह धंधा देती रहो, मैं भी प्रेजेंटेशन में कोई कसर नहीं छोडूंगा.”

इसके बाद मैं वापस चला आया. कनिका का और मेरा यह रिश्ता काफी समय तक चला और मैंने उसे कई बार चोदा. दोस्तों, मेरी यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – sarryaman@gmail.com

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Saturday, July 21, 2018

बगल वाली भाभी ने खाना खिलाया फिर चुदाई करवाई

फिर मैंने उसका नाईटी निकाल कर फेंक दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी. फिर उसने कहा कि लाइट ऑफ कर दो मुझे शरम आ रही है तो मैंने कहा, “अब किस बात की शरम” और फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसे सीधा कर के उसकी चूची को चूसने लगा…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अंश है और मैं 26 साल का हूँ. मैं हजारीबाग का रहने वाला और मेरा लन्ड 6 इंच का है. दोस्तों, यह घटना मेरे साथ घट चुकी है. इस कहानी को पढ़ कर आपको कैसा लगा ज़रूर बताना.

अब सीधा कहानी पर आते हैं. मेेरे सामने एक कपल रहते हैं. उनके दो बच्चे हैं. भाभी की उम्र 32 साल है और उनके पतिदेव की उम्र 37 साल. उनकी शिफ्ट में ड्यूटी रहती थी. यह बात मेरे यहां आने के 2 महीने के बाद की है. अब तक हम लोग आपस में बहुत घुल मिल गये थे. क्योंकि मुझे बच्चों से बहुत लगाव है.

दोस्तों, भाभी का फिगर मस्त था. उनका रंग सावला था और सबसे मस्त उनकी गांड थी. भाभी मुझसे सारी चीज़ डिस्कस करती थी. वो बोलती थी कि उनको (उनके पति को) मेरा आपसे इतना बात करना पसंद नहीं है तो मैं उन्हें समझाता था कि ये नेचुरल है.

फिर धीरे – धीरे मेरा और भाभी का साथ बढ़ता गया और फिर वो किसी ना किसी बहाने से मेरे रूम में आ जाया करती थी. वो कभी चाय तो कभी कॉफी, स्नैक्स ऑफर करने के बहाने आती थी.

अब मैं समझ गया था कि यह मुझे पसंद करती हैं पर मैं ये सोच के चुप था कि कुछ भी इधर – उधर करने से प्रोब्लम हो सकती है और जॉब से भी हाथ धोना पड़ सकता है.

मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. एक बार उसके पति ट्रेनिंग के लिय 15 दिन के लिए आउट ऑफ स्टेट गये. पहला दिन नॉर्मल बीत गया. वो मेरे रूम में आईं और मुझे नॉर्मल टी और स्नेक्स ऑफर किया, थोड़ी देर बात की और यह बोल कर चली गयी की बच्चे अकेले हैं.

दूसरे दिन उसने कहा कि रात का खाना आपके लिए बना दूंगी, आप बाहर मत जाना खाने के लिए. रात के 10 बजे वो खाना लेकर आई और मुझे खाना खिलाने लगी और साथ में खुद भी खाने लगी. मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि कोई इस तरह से क्यों करेगा या तो उसे कुछ चाहिए जो मैं दे सकता हूँ या फिर पता नहीं.

भाभी ब्लू कलर की नाईटी पहने हुई थी. यह सब देख कर मेरे लंड में तूफान सा मचने लगा. मैं अक्सर ब्लू फिल्म देख कर मुठ मारता था और अपनी प्यास बुझाता था. मगर आज तो कुछ और ही होना था. खाने के बाद भाभी मेरे पास आई और पूछा कि वो मुझे कैसी लगती हैं?

मैंने कहा, “भाभी, मैं तो आपको शुरू से ही पसंद करता था, मगर एक डर बना रहता था कि कुछ प्रॉब्लम ना हो जाए.” इस पर उसने कहा कि कोई प्रोब्लम नहीं होगी, मैं सब संभाल लूँगी.

अब हम दोनों एक – दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे. फिर उन्होंने बोला कि आज मेरी पूरी प्यास बुझा दो आज से मैं तुम्हारी हूँ. तो मैंने कहा कि सब यहीं करेंगे या बेडरूम में चलें. इस पर उसने मुस्कुरा कर कहा, “तुम जहाँ शुरू हो जाओ वही मेरा बेडरूम है.’

फिर मैं उसे बेडरूम में ले गया. रात के 11 बज चुके थे और बाहर मौसम भी बारिश का था. फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और खुद भी लेट गया. हम दोनों की साँसें तेज हो चुकी थी. अब मैं उसे किस करने लगा तो वो मदहोश होने लगी.

फिर मैंने उसका नाईटी निकाल कर फेंक दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी. फिर उसने कहा कि लाइट ऑफ कर दो मुझे शरम आ रही है तो मैंने कहा, “अब किस बात की शरम” और फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसे सीधा कर के उसकी चूची को चूसने लगा.

वो भी मुझे किस कर रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना शर्ट और पैंट निकाल दिया और अंडरवियर में से लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया. वो उसे पकड़ कर खेलने लगी और मैं भी उसके चूची को खूब मसलने लगा.

फिर मैंने उसके पेट को छूना शुरू किया और नीचे देखा तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. उसने अपना पानी छोड़ दिया था. वो मेरे लंड को ज़ोर – ज़ोर से हिला रही थी. अब मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया और उसका पैंटी भी निकाल फेंकी.

अब हम दोनों पूरे नंगे होकर एक – दूसरे के ऊपर लेटे हुए थे. फिर उसने कहा कि अब कंट्रोल नहीं हो रहा है, अब मुझे चोदो. तो मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है मेरी जान, जम के चुदाई होगी.”

फिर मैं फ्रीज़ में से कुछ आइस लेकर आया और उसे उसके निप्पल और पेट पर रगड़ने लगा. 5 मिनट के बाद मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया. जिसे वो लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. फिर मैंने उसके चूत में भी एक आइस डाल दिया. इससे वो उछलने लगी और अपनी गांड नचाने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी चुसाई से मेरा पूरा वीर्य निकल गया और उसने जोश में उसे पी लिया.

फिर मैंने खुद को साफ किया और उसकी चूत को चाटने लगा. वो चिल्लाने लगी और बोलने लगी, “कुत्ते, चुदाई भी करोगे या मुझे तड़पाते ही रहोगे.” इस पर मैंने कहा, “मेरी प्यारी रंडी भाभी, लंड से तुमने सारा माल निकाल लिया अब इसे फिर से चूस के खड़ा करो.”

फिर वह बिना कुछ बोले ज़ोर – ज़ोर से लंड चूसने लगी और उसे खड़ा कर दिया. अब मैंने उसके ऊपर आकर लंड उसके चूत में डाल दिया और उसे ज़ोर – ज़ोर से चोदने लगा. अब वो चिल्लाने लगी और गलियां भी दे रही थी.

उसके मुंह से अजीब – अजीब सी आवाज़ आ रही थी. वो लगातार ‘आआआहह…..उूउउ….माआअ…..और ज़ोर से डालो मेरे राजा, आज से तुम्हारी रांड़ बन के रहूंगी बहन चोद फाड़ दो मेरी चूत को’ बोले जा रही थी.

ये सब सुन के मैं और जोश में आ गया और उसे घोड़ी बनने को कहा. जब वह घोड़ी बन गई तो मैं पीछे जाकर ज़ोर – ज़ोर से धक्के लगाने लगा. वो पागलों की तरह गांड मटका रही थी.

फिर मैंने कहा, “तुम्हारी गांड तो चूत से भी मस्त है” और इतना कह कर एक उंगली उसकी गांड में डाल दी. अब वो और गांड मटकाने लगी. ये देख कर मैं उंगली और ज़ोर से डालने लगा और फिर चूत से लंड निकाल कर उसकी गांड में डाल दिया. इससे वो चिल्लाने लगी.

फिर मैंने उसकी मस्त गांड चुदाई की. कभी मैं उसकी गांड तो कभी चूत में लन्ड डालता और उसको चोदता रहा. थोड़ी देर बाद फिर मैंने उससे कहा कि मेरा निकलने वाला है. उसने कहा कि चूत में ही डाल दो. फिर मैं उसके चूत में ही डिस्चार्ज हो गया और उसी पोज़िशन में उसके उपर लेट गया.

हमने उस रात सुबह 4 बजे तक तीन बार सेक्स किया. उसे भी बहुत मज़ा आया क्योंकि मैंने उसे अलग – अलग पोज़िशन में चोदा था. वो बहुत ही खुश थी. इसके बाद हमने अगले 13 दिन बहुत सेक्स किया. उसने कहा कि तुम इतने हॉट होगे मैंने कभी नहीं सोचा था.

अब हमें जब भी मौका मिलता है तब चुदाई करते हैं. उसके पति की जब भी नाइट शिफ्ट होती है तब वो मेरे रूम में आती है और हम लोग जम के चुदाई करते हैं.

दोस्तों, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – ansh.zmr@gmail.com

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Friday, July 20, 2018

बच्चे के लिए पैसे देकर चुदी डॉक्टर मैम

यह सुन कर अब मुझे और भी जोश आ गया. अब मैं उन्हें किस करने लगा. करीब 25 मिनट हो चुके थे. फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मार कर पूरा पेनिस अन्दर डाल दिया. अगर मैं अपने होंठों से उनके मुंह को बन्द न किया होता तो उनकी तेज चीख निकल जाती…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. यह मेरी पहली कहानी है और उम्मीद करता हूँ कि आप सब की जरूर पसंद आएगी.

दोस्तों, मेरा नाम राम है और मैं भंडारा में रहता हूँ. मेरी उम्र 26 वर्ष है. मैं दिखने में हैडसम हूँ. वैसे तो यहां मैं प्रैक्टिस के लिए आया था, लेकिन पैसा कमाने के लिए जॉब करने लगा. मेरी जॉब एक सरकारी अस्पताल में क्लर्क के पद पर लगी है और यहां लगभग सभी को मुझसे काम पड़ता है.

मेरे अस्पताल में एक मैडम हैं. जिनका नाम प्रियंका है. उनकी उम्र 28 है. मैं अधिकांश उनका ही काम करता था. वो देखने में खूबसूरत हैं और उनका फिगर 36-30-38 का होगा. उनको देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था और मैं अक्सर उन्हें चोदने के बारे में सोचता रहता था.

प्रियंका मैम शादीशुदा थीं और उनकी शादी को 4 साल हो गए थे, मगर अभी तक वह माँ नहीं बन पाई थीं. वह अक्सर मुझसे मजाक करती रहती थीं और मैं भी उनसे मज़ाक कर देता था.

एक दिन अस्पताल में कोई खास काम नहीं था. मैं अपना काम कर रहा था. तभी वो मेरे पास आईं और बोलीं, “क्या कर रहे हो डॉक्टर साहब?” मैंने कहा कि काम कर रहा हूँ. तो वो बोलीं कि इतना काम क्यों करते हो. इस पर मैं बोला, “काम नहीं करूँगा तो पैसे कैसे मिलेंगे?’‘

तब उन्होंने कहा, “कितने पैसे मिलते हैं तुम्हें यहां?” मैं बोला, “यही कोई 20,000 मिल जाते हैं.” अब प्रियंका बोली, “मैं आपको इससे भी ज्यादा पैसे दूँगी, लेकिन मेरा एक काम करना पड़ेगा.” तो मैं बोला, “मैं आपका ही तो काम करता हूँ. खैर, बोलो क्या काम करना हैं?’‘

इस पर वो बोलीं, “मैं माँ बनना चाहती हूँ. तुम मुझे मां बना सकते हो?” मैं थोड़ा चौंका और बोला, “यह कैसा काम है! मैं मैं समझा नहीं!” तो उन्होंने कहा कि मेरे पति मुझे माँ नहीं बना सकते. क्या तुम मुझे माँ बना सकते हो?” अब मैं उनकी तरफ देखने लगा. तो उन्होंने फिर कहा, “मैं तुम्हें बहुत सारा पैसा भी दूंगी.” अब मैंने हाँ कर दी.

फिर शाम को मैं मैडम के घर जा पहुँचा. उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा और रसोई में चली गईं. कुछ देर बाद हाथ में कॉफी का कप लिए वो मेरे सामने आईं तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह मेरी वही मैम हैं, जिनके साथ मैं रोज काम करता हूँ! उन्होंने एक सफेद नाइटी पहन रखी थी, जिसमें से बहुत ज्यादा हॉट दिखाई दे रही थी.

मैं एकटक उन्हें ही देखे जा रहा था. तभी उन्होंने कहा, “कॉफी पीना है कि नहीं?” उनकी आवाज सुनकर ऐसा लगा जैसे कि सपना देखते – देखते मेरी नींद खुल गई हो. फिर मैंने मुस्कुराते हुए हाँ में सिर हिला दिया. अब उन्होंने कॉफी लेकर टेबल पर रख दी.

तभी मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया और फिर मैंने उनके मुस्कुराते हुए उनके होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया. प्रियंका भी पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी.

अब मेरे हाथ उनके गले से होते हुए उनके बड़े – बड़े मम्मों पर पहुँच गए. मैं और इंतजार नहीं कर सकता था. इसलिए मैंने उनकी नाईटी और ब्रा को निकाल दिया. अब उनका एक दूध मेरे मुँह में था और दूसरे को मैं अपने हाथ से मसल रहा था.

अब वह भी गर्म होने लगी थीं. अब उन्होंने भी मेरे कपड़े निकाल दिए और मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया. वे मेरे लण्ड को हाथ में लेकर आगे – पीछे करने लगी. फिर वह मेरे लण्ड को मुँह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिराने और बोलीं, “जानू, आपका पेनिस 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, इससे तो मेरी वजीना ही फट जाएगी.”

इस पर मैं कुछ नहीं बोला और कुछ देर बाद किसी लॉलीपॉप की तरह मेरे लन्ड को चूसने लगीं और फिर लन्ड को अपने होंठों में दबाकर बोली कि अंदर – बाहर करो. मैं करने लगा बहुत मज़ा रहा था. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैं उनकी वजीना चाट रहा था और वह मेरा पेनिस ऐसे चूस रही थीं, जैसे उसे खा ही जाएंगी.

तभी अचानक उनका बदन अकड़ने लगा और वह मेरे मुँह में ही झड़ गईं. मेरा पूरा मुँह उनके पानी से भर गया. अब मैं उठा और बाथरुम जाकर मुँह पानी से धोकर आया. मेरा अभी होना बाकी था. फिर मैंने अपनी दो उंगली उनकी वजीना में डाल दी और अन्दर – बाहर करने लगा.

अब उनके मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं. कुछ देर बाद वह बोलीं, “जानू, अब नहीं रहा जाता. अब और मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दे और फाड़ दे मेरी वजीना को.”

मैं भी अब देर नहीं करना चाहता था. तो मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर उनकी गीली वजीना पर अपना पेनिस रखकर एक धक्का मारा. मेरा लण्ड अभी 3 इंच ही गया होगा कि उनकी चीख निकल गई. मैंने कहा, “क्या हुआ?” तो वह बोलीं कि आराम से करो, मेरे पति का लण्ड बहुत छोटा है और पूरी तरह से खड़ा भी नहीं होता है.”

यह सुन कर अब मुझे और भी जोश आ गया. अब मैं उन्हें किस करने लगा. करीब 25 मिनट हो चुके थे. फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मार कर पूरा पेनिस अन्दर डाल दिया. अगर मैं अपने होंठों से उनके मुंह को बन्द न किया होता तो उनकी तेज चीख निकल जाती.

मैं थोड़ी देर ऐसे ही उनके ऊपर लेटा रहा और उनको किस करता रहा. थोड़ी देर बाद वह भी नीचे से अपनी कमर उठाकर मेरा साथ देने लगीं, जिससे मुझे भी यह अंदाजा हो गया कि उन्हें भी मजा आने लगा है. अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और अब उनके मुँह से अजीब आवाजें निकलने लगीं थीं. वह लगातार, “आह अइउउउ उईई मा इसहह… ओर जोर से.. फाड़ डाल मेरी वेजिना को..” कर रही थीं.

करीब 30 मिनट हो गए थे पर मैं भी रंग में आ गया था, मेरा अभी भी नहीं निकला था और जाने क्या – क्या बोल रही थीं. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं तो जैसे आसमान में उड़ रहा था.

तभी उनका बदन फिर से अकड़ने लगा और उनके अन्दर का रस मेरे पेनिस पर गिरा. दोस्तों, मैं बता नहीं सकता कि इसमें मुझे कितना मजा आया. यह तो वही समझ सकता है, जिसने अपनी जिंदगी में चुदाई का मजा लिया है.

अब उन्होंने मुझे इतने जोर से पकड़ लिया कि मेरा हिलना भी मुश्किल हो गया. अब मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि मेरा भी निकलने वाला है कहां निकालूँ? तो उन्होंने कहा कि अन्दर ही निकाल दे, इसीलिए तो तुझसे चुदी हूँ.

फिर थोडी ही देर बाद मेरी स्पर्म उनकी वजीना में ही निकल गया. अब मैं ठंडा होकर उनके ऊपर ही पड़ा रहा और अपनी सांसों को काबू करने लगा. कुछ देर बाद हम दोनों उठे तो वो मेरा पेनिस चूसने लगी. उन्होंने कहा, “जानू, तुम असली मर्द हो, मेरा हसबंड तो नामर्द है.”

उसके बाद उन्होने मुझे होंठों पर किस किया. फिर हमने खाना खाया और रात भर में 5 बार और चुदाई का मजा लिया. सुबह प्रियंका ने मुझे 50000 रुपए दिए और मुझे घर तक छोड़ दिया. उसके बाद भी मैडम ने कई बार मुझे बुलाया.

दोस्तों, कैसी लगी मेरी पहली कहानी, मुझे मेल करके जरूर बताइएगा. मेरी मेल आईडी – Rampanda5001@gmail.com

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