Wednesday, May 23, 2018

पति की रांड भाग – 4

फिर मैंने उनके गाँड पर आइसक्रीम लगाई और चाटना शुरू कर दिया. मैंने अपनी एक उंगली उनके गाँड के छेद में डाली और अंदर तक आइसक्रीम डाल दिया. फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है? तो वो बोले कि पूछ मत बस अब चाट ले…

इस कहानी का पिछला भाग – पति की रांड भाग – 3

जब मैं पतिदेव के साइड आर्म्स चाट चुकी तो थोड़ा हिल कर बगल हो गयी. मेरी नाक कुछ – कुछ जलने सी लगी थी. कुछ देर बाद पतिदेव बोले, “रण्डी जाओ और कैंची लेकर आओ”.

अब मैं सोच में पड़ गयी कि पता नहीं अब ये क्या करेंगे?
खैर, मैं कैंची लाने के लिए गयी और कैची लाकर उन्हें दे दी. पहले वो कैंची को थोड़ी देर हवा में इधर – उधर चलाते रहे, फिर उसके बाद बोले, “अब जल्दी से कुतिया बन जा”.

उनका कहना बस था कि मैं कुतिया बन गई. फिर उन्होंने मेरे एक निप्पल को ब्लाउज के ऊपर से पकड़ लिया और उसे मसलने लगे. फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरे निप्पल के आगे जो ब्लाउज का हिस्सा था, उसे खींच लेते हैं और ब्लाउज के उस हिस्से को कैंची से काट देते है.

अब मेरा निप्पल ब्लाउज से बाहर निकल जाता है. फिर वही हाल वो दूसरे निप्पल के ऊपर वाले ब्लाउज के साथ भी करते हैं. दूसरे निप्पल के ऊपर का ब्लाउज काटने के बाद वो बोले, “कुतिया के निप्पल्स तो कड़े हो रहें हैं.”

यह सुन कर मैं काफी उत्तेजित हो गई और बोली, “कुतिया को कुतिया की तरह ही जल्दी से चोद दो न, प्लीज!” यह सुन कर वो बोले, “अभी तो बहुत कुछ बाकी है, मेरी जान रुको तो सही.”

मेरे पति बॉक्सर पहने हुए थे. अब वो जाकर कुर्सी पर बैठे गए और मैं कुतिया बनी उनके पैरों के पास बैठी थी. तभी वो बोले, “मेरे पैंट को खोलो”. मैंने तुरन्त ही उनका पैंट खोल दिया. उनका लंड खड़ा था. अब उन्होंने मुझे आइसक्रीम देते हुए बोले, “कुतिया, ये आइसक्रीम और अब इसे मेरे लंड के ऊपर और आस – पास लगाओ.”

यह सुन कर मैं खुश हो गई. मैं समझ गयी थी कि अब मुझे लौड़ा चूसने को मिलेगा. अब मैंने बड़ी तन्मयता से ढेर सारी आइसक्रीम लन्ड और उसके आस – पास लगा दी. मैंने लंड के चमड़े को पीछे करके बहुत आइसक्रीम वहाँ भी लगा दी थी.

इसके बाद मैं बड़े प्यार से कुतिया की तरह आइसक्रीम चाटने लगी, और मौके का फायदा उठा कर लौड़े को खूब चुभलाया भी. मैं आपको बताना चाहूंगी कि मैं पक्की लंड खोर हूँ. मैं अपने पति का लंड हमेशा बड़े खुशी से चूसती हूँ. चाहे साफ़ हो या गंदा हो, पसीने से लथपथ हो या मूत से सरोबार हो. मैं आपको अपना मूत्र प्रेम आगे बताउंगी.

अब मैं उनका लंड चाट रही थी और वो मेरे निप्पल्स जो कटे ब्लाउज के बाहर थे, उन्हें मसल रहे थे. थोड़ी देर बाद वो बोले, “रांड, थोड़ा रुको, मैं अभी आता हूँ.” ये कह कर अपना बॉक्सर पहन कर वो चले गए और मैं कुतिया बनी अभी भी जीभ चटका रही थी.

जल्दी ही वो वापस आ जाते हैं. उनके हाथ में कपड़े को सूखने के लिए फैलाते समय प्रयोग किया जाने वाला दो क्लिप था. दोनों क्लिप एक – दूसरे से रस्सी से बंधे थे. मैं फिर सोचने लगी कि पता नहीं अब ये क्या करेंगे! तभी उन्होंने दोनों क्लिप मेरे अकड़े हुए दोनों निप्पल्स में लगा दिया.

दर्द की वजह से मेरी आह निकल गई. मैंने कहा भी कि मुझे दर्द हो रहा है. तभी उन्होंने अपना लौड़ा निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया और बोले, “अभी भी दर्द हो रहा है?”

मैं बोली, “नहीं, अब दर्द नहीं है.” फिर उन्होंने दोनों क्लिप के बीच की रस्सी को खींचना शुरू किया. जिससे मेरे निप्पल्स में मीठा दर्द होने लगा था.

अब उन्होंने मेरे मुंह से लंड बाहर निकाल लिया और अपना पैंट खोलकर बेड पर उल्टा लेट गए और बोले मेरी गाँड़ में अच्छे से आइसक्रीम लगाओ. मैं समझ गई कि अब गाँड़ चाटना होगा. मेरा मुंह में पानी आ रहा था. तभी मैं बोली, “क्या मैं पानी पी सकती हूँ?” तो वो बोले, “रांड, पहले गाँड पर आइसक्रीम लगा और चाट.”

फिर मैंने उनके गाँड पर आइसक्रीम लगाई और चाटना शुरू कर दिया. मैंने अपनी एक उंगली उनके गाँड के छेद में डाली और अंदर तक आइसक्रीम डाल दिया. फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है? तो वो बोले कि पूछ मत बस अब चाट ले.

फिर मैंने पूरा केसर पिस्ता उनके गांड से चाट डाला. अब मैंने फिर कहा कि अब मुझे पानी पीना है और अब जल्दी से चुदवाना भी है, मेरी बुर लहर मार रही है. अब देर न करो अब जल्दी से चोद लो.

मैं अभी भी नीचे शार्ट में थी और ऊपर निप्पल पर क्लिप लगी थी. जिससे निपल्स में दर्द हो रहा था. अब मेरे पति ने मुझे देखा और फिर तरस खा कर निप्पल्स को आज़ाद कर दिया. क्लिप की वजह से मेरे बूब्स के निप्पल्स सूज कर बड़े हो गये थे.

फिर पति ने अपना शॉर्ट्स पहन लिया था और पूछा, “तो तुमको प्यास लगी है?” मैंने कहा, “हां बहुत तेज.” तो वो बोले, “ठीक है फिर बाथरूम के पास कुतिया की तरह चलो.” अब वो मेरा पट्टा खींच कर मुझे कुतिया की तरह चलाते हुए बाथरूम ले गए और फिर मुझसे बोले, “ऊपर की तरफ देखो?”

जब मैंने देखा तो उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरे चेहरे पर मूतना शुरू कर दिया. वो थोड़ी देर तक मेरे मुंह पर सुर्रर करके मूतते और फिर लंड को हाथों से दबा कर रोक लेते. उन्होंने अपने मूत से मेरे चेहरे को पूरा भिगो दिया था. फिर उन्होंने कहा, “चलो, अब अपना मुंह खोलो?”

अब मैंने मुंह खोला और उन्होंने सुर्रर करके थोड़ा सा मूत मेरे मुँह के अंदर कर दिया और बोले, “चल कुतिया अब इसे पी जा”. मूत मुंह के अन्दर आने से मैं भी अब पूरी सनसना गई थी. मेरे अन्दर की रंडी जाग गई थी. मैंने पहले मूत से गरारा किया फिर पूरा मूत पी गई.

आइसक्रीम मिला मूत का स्वाद कुछ अनोखा ही था. मेरा चेहरा अभी भी मूत से भीगा हुआ था और पति का लंड उनके हाथ से दबा था. जैसे वो मूत कन्ट्रोल कर रहे हों. तभी उन्होंने कहा, “अब थोड़ा चेहरा झुकाओ”. तो मैंने वैसा ही किया.

फिर वो थोड़ा आगे बढ़कर लंड बिल्कुल मेरे सर के ऊपर रखकर मेरे शैम्पू किये बालो में पेशाब करने लगे. पेशाब की गरम फुहारों से मेरे रोम – रोम में सनसनी और तेज हो गई थी. वो मेरे सर में मूत रहे थे और उनका अंडकोष ठीक मेरे नाक और मुँह के पास झूल रहा था. इसी बीच उन्होंने मेरी गर्दन को पीछे से खींच कर अपने अंडकोष को मेरे मुंह के अंदर डाल दिया. जिसे मैं सड़प – सड़प करके चूसने लगी.

उनका मूत मेरे बालों से नीचे की तरफ गिरते हुए मेरे मुंह और मेरी पीठ पर आ रहा था. मुंह पर आ रहे मूत को मैं चाट कर पी रही थी. अब उन्होंने मेरे मूत से भींगे बालों को मेरे चेहरे पे गिरा दिया और मूतना बन्द करके अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया. मेरा मुँह मेरे अपने बालों से ढका था और बालों के बीच से उनका लंड मेरे मूँह में था जिसे मैं चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद उनके लन्ड ने मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया. जिसे मैं सारा का सारा गटक गयी. अब उनका लन्ड सिकुड़ गया था और मेरे मुंह से बाहर निकलने लगा. तभी उन्होंने लन्ड को बाहर खींच कर अपना शॉर्ट्स पहन लिया. मैं चोदने के लिए विनती करने लगी लेकिन उन्होंने मना कर दिया. जिससे मैं थक हार कर बैठ गयी.

मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए आप लोगों का बहुत – बहुत धन्यवाद. मैं आपकी प्रतिक्रिया की बेहद बेसब्री से इंतज़ार करूंगी. आगे की कहानी मैं अगले भाग में आप लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद बयान करूंगी. तब तक आप लोग मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल करके अपने बहुमूल्य सुझाव और सलाह देते रहें. मेरी ईमेल आईडी है –
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